शिमला कारोबारी से 10 करोड़ फिरौती मामला: पूछताछ में आरोपियों के खुले राज

Sunday, Jul 28, 2019 - 12:38 PM (IST)

शिमला (जस्टा): शिमला में कारोबारी को धमकी भरा पत्र भेजकर 10 करोड़ रुपए की फिरौती व धमकी देने के मामले में अब पुलिस की पूछताछ में आरोपियों के मुंह खुलने शुरू हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक पोस्ट करने से एक दिन पहले यानी 21 जुलाई को आरोपियों ने दुकान में बैठकर पत्र को लिखा था। यह पत्र कर्मचंद भाटिया की दुकान में बीते रविवार के दिन लिखा गया। पोस्ट ऑफिस से 22 जुलाई को पत्र भेजा गया था। बताया जा रहा है कि कर्मचंद भाटिया गुरचरण व भाटिया की आपसी में दोस्ती थी। ऐसे में दोस्ती के चक्कर में गुरचरण ने भाटिया से पत्र लिखवाया। बताया जा रहा है कि भाटिया ने भी पत्र को दोस्ती के चक्कर में लिख डाला। हालांकि पुख्ता सबूत जानने के लिए पुलिस हैंडराइटिंग की जांच करवाने में जुटी है।  

पुलिस की आरोपियों से पूछताछ जारी है। फिलहाल तो जांच में यही सामने आया है कि रंजिश के चलते ही आरोपी ने यह पत्र लिखा लेकिन असली सच्चाई जानने के लिए पुलिस आरोपियों से गंभीरता से पूछताछ कर रही है। मामले में धरे गए तीन आरोपियों गुरचरण, कर्मचंद भाटिया और धीरज को शनिवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेशानुसार तीनों को 3 दिन के रिमांड पर भेजा है। अब आरोपियों को 29 जुलाई को कोर्ट में फिर से पेश किया जाएगा। पुलिस ने बीते कल मामले का खुलासा करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। खास बात यह है कि कारोबारी से फिरौती मांगने वाले 2 आरोपियों की शिमला के लोअर बाजार में दुकानें हैं। एक आरोपी गुरचरण सिंह कम्प्यूटर सैंटर का संचालक है तो दूसरा कर्मचंद भाटिया की जूतों की दुकान है। तीसरा आरोपी धीरज गुरचरण का नौकर है।

बंद रही दोनों आरोपियों की दुकानें 

शनिवार को देखने में आया कि दोनों आरोपी गुरचरण और भाटिया की दुकानें भी बंद ही थीं। दुकानों की ओर से कई सामान लेने के लिए लोग आ रहे थे लेकिन दुकानें पूरे दिन भर बंद ही रहीं। पुलिस ने पहले आरोपी गुरचरण के नौकर धीरज को पकड़ा था। तभी उसे अन्य का पता चला कि गुरचरण ने ही उसे पत्र को पोस्ट करने को कहा था। ऐसे में पुलिस ने नौकर के बाद कारोबारी गुरचरण और उसके बाद कर्मचंद भाटिया को पकड़ा।

Ekta