जाहू मेले के शुरू होने से पहले आयोजन स्थल का फंसा पेंच

punjabkesari.in Wednesday, Sep 21, 2016 - 01:35 AM (IST)

जाहू: हिमाचल प्रदेश के नलवाड़ मेलों में से एक माना जाने वाला सबसे ऐतिहासिक मेला जाहू नलवाड़ मेला इस बार फिर बिना बैलों के ही सजेगा। विदित रहे इस जाहू नलवाड़ मेले में लाखों रुपए का कारोबार होने व लाखों रुपए की पंचायत को आमदनी होती थी लेकिन पंचायत आज इस नौबत तक पहुंच चुकी है कि मेला कहां लगाएं। हालांकि इस आधुनिक युग में बैलों व मेलों की उपेक्षा तथा बेसहारा पशुओं के बढऩे से जाहू नलवाड़ मेले की बलि चढ़ चुकी है। बदलते वक्त के चलते जाहू में जनसंख्या बढऩे से घरों की संख्या भी बढ़ गई है, जिस कारण मेले के लिए जगह कम पड़ती जा रही है।


पंचायत पुरानी जगह से मेला हटाकर नई जगह करवाने पर आमादा है और इसके लिए वह स्थानांतरण के लिए पंचायत में प्रस्ताव डालकर पुलिस चौकी जाहू, एसएचओ भोरंज, एसपी हमीरपुर व डीसी हमीरपुर को भेज चुकी है लेकिन जिनकी जमीन पर इस बार मेला लगेगा उनसे अभी लिखित रूप में कुछ भी कार्रवाई नहीं हो पाई है। नतीजतन जमीन मालिक पुलिस व पंचायत से उनकी जमीन पर मेला न लगाने की गुहार लगाने में जुटा हुआ है। ग्रामवासी मुंशी राम शर्मा का कहना है कि मेरी जमीन के लिए कोर्ट से स्टे चला हुआ है, जिस पर मेरी मिलकीयत भूमि पर मेला किस तरह लगाया जा सकता है। हमें तो मेले बारे पंचायत ने पूछा तक नहीं है।


लोगों ने मेले की स्थानांतरण के बारे में जानकारी मिलते ही अपनी जमीन की ओर रुख करना शुरू कर दिया है कि मेला कहां लगेगा। नई जगह मेला लगने से कई प्रश्न खड़े हो गए हैं जिस पर गौर करना पंचायत को बहुत जरूरी हो गया है। जमीन मालिकों का कहना है कि उनकी जमीन पर मेला लगने से जमीन से छेड़छाड़ होगी, गंदगी की जिम्मेदारी कौन लेगा? कोई अप्रिय घटजा घटित होने पर किस की जिम्मेदारी होगी। गौर किया जाए तो मेले वाली जगह सांकेतिक है न की चिन्हित जिस पर अभी भी संशय बना हुआ है।


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