युवाओं में सेना भर्ती का दिखा जुनून, तीसरे दिन अाजमाएंगे किस्मत

punjabkesari.in Wednesday, Feb 14, 2018 - 10:34 AM (IST)

पालमपुर: युवाओं का जोश और उनका सेना में भर्ती होने का जुनून देख सीना चौड़ा हो गया। हालांकि मंगलवार को बारिश के चलते पुलिस भर्ती स्थगित कर दी गई थी लेकिन बुधवार को फतेहपुर, इंदौरा, जसवां, ज्वाली और कांगड़ा के युवाओं की भर्ती होगी। मंगलवार रात जब शहर को दौरा किया तो देखा कि कड़क ठंड भी युवाओं का जोश ठंडा नहीं कर पाई। जिला के गबरूओं को कहीं खुले आसमान के नीचे तो कहीं बारिश शालिकाओं में सोए देखा। कहीं-कहीं तो युवा ए.टी.एम. में भी आश्रय लिए देखे गए। भर्ती के लिए मुख्य गेट के बाहर देर रात 9 बजे बड़ी संख्या में वह सुबह का इंतजार करते देखे गए। 


पंजाब केसरी की टीम ने फतेहपुर, इंदौरा,जसवां, ज्वाली और कांगड़ा से भर्ती में भाग लेने आए युवाओं से बात की तो कुछ ने कहा कि माता-पिता की कामना है और देश की सेवा करने के साथ रोजगार मिल जाए। सेना की वर्दी पाने और रोजगार पाने के लिए ठंड कोई फर्क नहीं डाल सकती। इंदौरा के मंड एरिया के अंकुश धीमान, वीर सिंह, रणजीत, अक्षय कुमार व साहिल ने कहा कि हमारे क्षेत्र में इतनी ठंड नहीं है परंतु पालमपुर शहर में ठंड से कांप रहे हैं। सुना तो था कि पालमपुर ठंडा क्षेत्र है लेकिन अब भर्ती में आने पर भी देख लिया। कुछ युवाओं ने कहा कि रात भोजन में खाने के पैसे भी कम लिए जा रहे हैं यह बहुत खुशी की बात है। जब युवाओं से पूछा गया कि प्रशासन को किस तरह के इंतजाम करने चाहिएं? तो उन्होंने कहा कि इनको कम से कम टैंट लगाकर ही कोई काम चलाने वाला कार्य करना चाहिए था। 


सेना भर्ती गेट के बाहर की लाइन में लेटे युवाओं का कहना था कि चलो कोई बात नहीं, इसके गेट के बाहर ही हम कतारबद्ध लाइनों में खड़े होने वाले युवाओं की जगहों पर कंबल में ही रात निकाल लेंगे। कृषि विश्वविद्यालय मैदान पालमपुर में सेना भर्ती बुधवार को आयोजित की जाएगी, जिसमें फतेहपुर, इंदौरा, जसवां, ज्वाली और कांगड़ा के युवक भाग लेंगे। मंगलवार को मौसम ठीक होने पर सेना भर्ती मैदान सूखता हुआ दिखाई दे रहा है। इस दौरान बुधवार को दौड़ने वाले युवकों के लिए ग्राऊंड सूखा होने पर फिसलन से राहत मिलेगी। 


मोबाइल चार्ज करने की चिंता
मोबाइल किस कद्र इंसान को अपनी जकड़ में ले चुका है, इसका उदाहरण सेना भर्ती को आए युवाओं में दिखा। देर रात यहां पहुंचे युवाओं को इतनी चिंता इस बात की नहीं थी कि सोना कहां और कैसे, बल्कि वे इस बात को लेकर परेशान घूम रहे थे कि मोबाइल को चार्ज कहां करना होगा। कुछ तो ठंड में बिस्तर में खुद को छुपाने की बजाय मोबाइल को संभालते देखे गए। कुछ बुजुर्गों से बात की तो उन्होंने कहा कि आज के इंसान को मोबाइल ने मानसिक रोगी बना दिया है। मोबाइल को लेकर युवा इतने चिंतित हो उठते हैं यह भविष्य के लिए ठीक नहीं। 


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