रंग लाई पुलिस की मेहनत, 7 साल से बिछड़े बच्चे को मां-बाप से मिलाया

punjabkesari.in Friday, Feb 16, 2018 - 04:42 PM (IST)

अम्ब (अश्विनी): करीब 7 साल से गुरदासपुर (पंजाब) के बाल आश्रम में पल रहे बच्चे के परिजनों को पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद ढूंढ लिया है। 22 मार्च 2011 को मैडी होली मेला में 6 साल का मासूम बिछुड़ गया था। इस मामले में अम्ब पुलिस के ए.एस.आई. अर्जुन राणा व एच.एच.सी. मंगल सिंह पर आधारित पुलिस टीम ने फरीदाबाद व दिल्ली में कई दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार बच्चे के परिजनों को ढूंढ लिया है। अपने लाडले के सुरक्षित होने की खुशी में मां के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे लेकिन उसे मलाल है कि वह अभी बच्चे से नहीं मिल पाएगी। 
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उल्लेखनीय है कि पिछली 22 मार्च, 2011 को मैडी में आयोजित होली मेला के दौरान मोनू पुत्र धर्मपाल हाऊस नम्बर 117, गली नम्बर 4, बाईपास स्वामी सदानंद कालोनी नजदीक गायिका ज्योति मंदिर दिल्ली ने पुलिस में सूचना दी थी कि 15 मार्च 2011 को उसका भांजा राजीव उर्फ नौणा (6) मुख्य धार्मिक स्थलों के नजदीक मेला सैक्टर-3 भीड़ में बिछुड़ गया। जिसकी उन्होंने मैडी में जहां कई दिनों तक तलाश की वहीं मेला में कई बार अनाऊंसमैंट करवाई लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस ने इस मामले में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर बच्चे की तलाश जारी रखी लेकिन पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिली। 


इस मामले में अम्ब पुलिस ने 13 दिसम्बर, 2014 को गुम हुए बच्चे की माता नीना से मोबाइल पर सम्पर्क कर बच्चे बारे पूछा तो उसने बताया कि बच्चे को ढूंढने के लिए परिवार के सदस्य लगातार प्रयासरत हैं। लेकिन कोई पता नहीं चल रहा है। उसने शक जाहिर किया कि उसके बच्चे का किसी अज्ञात व्यक्ति ने अपहरण कर लिया है और उसे गुप्त तौर पर छिपाकर रखा गया होगा। उसके बयान पर पुलिस ने आई.पी.सी. की धारा 365 के तहत मामला दर्ज कर लिया। पुलिस का कहना है कि बच्चे के अपहरण का मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने पिछली 19 दिसम्बर, 2014 को पुलिस ने इस मामले में बच्चे संबंधी डाटा एन.सी.आर.बी. (मिसिंग चिल्ड्रन) के वैब पोर्टल पर लोड कर दिया। 


पुलिस का कहना है कि उक्त कार्यालय ने जानकारी दी कि लावारिस बच्चा करीब 7 साल से जिला गुरदासपुर के बाल आश्रम में पल रहा है। बच्चे को गोद लेने के लिए एक परिवार ने विभाग से फरियाद लगाई थी। इस प्रक्रिया से पहले बच्चे को उसके वारिसों तक पहुंचाए जाने के प्रयास के तहत बाल विकास विभाग गुरदासपुर ने सभी पुलिस थानों में सूचित किया तो पुलिस थाना अम्ब में यह मामला दर्ज पाया गया। आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और बच्चे के मामा का मोबाइल नम्बर ट्रेस हो गया। फोन करने पर उसने बताया कि वह इन दिनों लुधियाना में रह रहा है और उसकी बहन (बच्चे की मां) पति व छोटे बेटे के साथ गुरुहरसहाय (फिरोजपुर) में रह रही है। 


डी.एस.पी. अम्ब अजय राणा का कहना है कि इस मामले में अम्ब पुलिस कार्रवाई में जुटी हुई है। उधर जिला बाल संरक्षण अधिकारी गुरदासपुर परमजीत कौर से इस मामले पर बात करने पर उन्होंने कहा कि इस केस में पुलिस की कार्यप्रणाली जरूर काबिले तारीफ है। लेकिन कई वर्षों से बाल आश्रम में पल रहे बच्चे को तुरंत उसके परिजनों के सुपुर्द भी नहीं किया जा सकता। बच्चे के भविष्य के मद्देनजर कमेटी द्वारा पूरी जांच-पड़ताल की जाएगी। बच्चे के परिजनों को वैरीफाई किया जाएगा। वहीं परिजनों को मिलाने के मामले में बच्चे की भी काऊंसलिंग जरूरी है। 
 


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