सऊदी अरब में यातनाएं सह रहा ऊना का लाडला

Sunday, Feb 14, 2016 - 05:26 PM (IST)

ऊना: 5 वर्षीय भावना की निगाहें हर आने-जाने वाले पर लगी हुई हैं कि शायद कब उसके पापा आ जाएं। घर में यंू तो विवाह समारोह की धूम है मगर हर किसी को चिंता इस बात की है कि उनका लाडला हजारों किलोमीटर दूर विदेश की धरती पर फंसा हुआ है। पिछले करीब साढ़े 3 वर्षों से रोजगार की खातिर सऊदी अरब गए उपमंडल अम्ब के दौलतपुर चौक के गांव पिरथीपुर के उमेश को न तो कंपनी वेतन दे रही है और न ही उसे वतन वापस आने दे रही है।

 

परिजन अपने बेटे की वतन वापसी के लिए जंग लड़ रहे हैं। उमेश के परिजन प्रधानमंत्री से लेकर विदेश मंत्री, मुख्यमंत्री और सांसद तक से गुहार लगा चुके हैं। छोटे भाई की घर में शादी है परन्तु पिता को फिक्र अपने बड़े बेटे की है। खुशियों के बीच आंसुओं की बरसात हो रही है। यंू तो घर में शादी के गीत गंूज रहे हैं परन्तु बड़ी बहू को चिंता अपने पति उमेश को लेकर है। 2 बहनें भी इसी गम में आंसू बहा रही हैं। हर आने-जाने वाले पर निगाह है कि शायद कोई फरिश्ता खबर लाए कि उनका बेटा सही-सलामत घर पहुंच रहा है।

 

ऊना जिला के गांव डंगोह खुर्द (पिरथीपुर) के देसराज शर्मा का कहना है कि उनका बेटा 24 सितम्बर, 2012 को 2 वर्ष के लिए वर्क वीजा पर सऊदी अरब में एक्सावेटर आप्रेटर के पद पर काम करने के लिए गया था। 2014 में उसका वर्क वीजा खत्म हो गया था। इसी बीच कंपनी के मालिक सलीम फराज अलद शरी ने न तो उसके बेटे 35 वर्षीय उमेश का वेतन दिया और न ही उसे पासपोर्ट दिया जा रहा है। पिता का आरोप है कि उसके बेटे को अमानवीय यातनाओं से भी गुजरना पड़ रहा है। बेटे ने इसी बीच इंडियन एम्बैसी में भी संपर्क किया परन्तु कोई राहत नहीं मिली। पिता ने कहा है कि उसके बेटे को भारत लाने के लिए केंद्र सरकार दखल दे।

 

सऊदी अरब के रियाद से उमेश भी परिवार सहित मीडिया से उसे छुड़वाने के लिए सहयोग का आग्रह कर रहा है। रियाद से भेजे संदेशों में उमेश बार-बार कह रहा है कि उसे रियाद से मुक्त करवाया जाए। न तो उसे वेतन मिल रहा है और न ही पासपोर्ट लौटाया जा रहा है। वह मजबूर हो चुका है। उसे यातनाओं से गुजरना पड़ रहा है। अपने साथ हुई मारपीट का जिक्र भी उमेश कर रहा है। गांव पिरथीपुर के इस युवक के भावुक कर देने वाले संदेशों से परिवार भी सहम गया है। शादी समारोह में भी सभी इसी बात का जिक्र कर रहे हैं। पिता कह रहे हैं कि उनका पुत्र यहां होता तो शादी का जश्न ही कुछ ओर होता।