युवा कांग्रेस और NSUI कार्यकर्त्ताओं ने स्मृति ईरानी को दिखाए काले झंडे, लगाए ''Go Back'' के नारे

Sunday, Jan 31, 2016 - 10:32 AM (IST)

ऊना: अपने 3 दिवसीय हिमाचल दौरे के प्रथम दिन ऊना पहुंची केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को युवा कांग्रेस और एन.एस.यू.आई. कार्यकर्त्ताओं ने काले झंडे दिखाए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री के काफिले को देखते ही नारेबाजी के बीच स्मृति ईरानी गो बैक के नारे भी लगाए। इस मौके पर एन.एस.यू.आई. स्टेट प्रैजीडैंट रिम्पल चौधरी, ए.पी.एम.सी. चेयरमैन व पूर्व एन.एस.यू.आई. प्रदेशाध्यक्ष विवेक शर्मा, गोल्डी कपिला, रणवीर राणा, अखिल अग्रिहोत्री, ईशान ओहरी, सुमित शर्मा, विजय कुमार, रोहन कालिया, पंकज दत्ता, नक्षत्र सिंह, अंकुश शर्मा, अखिलेश चौधरी, रॉकी व नव सैनी आदि सहित अन्य कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।


केंद्रीय मंत्री के दौरे का विरोध कर रहे एन.एस.यू.आई. एवं यूथ कांग्रेस कार्यकर्त्ता शाम से ही रैड लाइट चौक पर जुटे रहे। अप्रिय घटना रोकने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल रैड लाइट चौक पर तैनात हो गया। देर शाम लगभग 7 बजे जैसे ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का काफिला रैड लाइट चौक पहुंचा वैसे ही एन.एस.यू.आई. एवं यूथ कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं ने एक बार फिर से नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच कुछेक कार्यकर्त्ताओं ने काफिले को काले झंडे भी दिखाए। इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी के ऊना दौरे के विरोध में बहुजन समाज पार्टी ने विरोध-प्रदर्शन किया और रैली निकालने के बाद रोटरी चौक पर केंद्रीय मंत्री का पुतला भी फूंका।


केंद्रीय मंत्री के आगमन से कुछ देर पहले रोटरी चौक पर नारेबाजी के बीच पुतला फूंकने से पहले एम.सी. पार्क से बसपा नेताओं व कार्यकर्त्ताओं ने विरोध रैली निकाली और स्मृति ईरानी गो बैक के नारे लगाते हुए पुतला फूंकने रैड लाइट चौक पहुंचे जहां पुलिस की कड़ी पहरेदारी के चलते बसपा वहां पुतला नहीं फूंक पाई। वहां से रैली की शक्ल में लौटते हुए बसपा ने रोटरी चौक में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का पुतला फूंका और नारेबाजी की। हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोध छात्र रोहित बेमूला की मौत मामले को लेकर बसपा ने केंद्रीय मंत्री के ऊना दौरे का विरोध किया। 


इस मौके पर बसपा के प्रदेशाध्यक्ष विजय नायर, प्रदेश महासचिव रमेश, कमल दत्त, जिला उपाध्यक्ष शैलेश दुबे, प्रदेश को-आर्डीनेटर दयानंद, नारायण सिंह, मंगत राम, कुलदीप, कमल, दीदार सिंह, तिलक राज, जगतराम, रमेश कतनौरिया व वरिंद्र सिंह आदि सहित काफी संख्या में कार्यकर्त्ता व पदाधिकारी मौजूद रहे।