हिमाचल के शक्तिपीठों पर आर.टी.आई. का बड़ा खुलासा

Thursday, Oct 06, 2016 - 11:54 AM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश के 2 ख्याति प्राप्त मंदिर न्यासों द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में डेढ़ करोड़ की भारी-भरकम रकम देने का मामला सामने आया है। इस मामले का खुलासा आर.टी.आई. कार्यकर्ता रजनीश खोसला ने सूचना के अधिकार के अंतर्गत किया है। मंदिरों में करोड़ों का चढ़ावा है, जबकि दी जा रही सुविधाएं श्रद्धालुओं को मुंह चिढ़ा रही हैं। यहां तक पर्वतीय धर्म स्थलों की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं होने के कारण उन्हें जान जोखिम में डालकर यात्रा पर जाना पड़ रहा है।


ज्वाला जी मंदिर न्यास द्वारा जारी पत्र संख्या 1/2016 (सू)-1232 के अनुसार मुख्यमंत्री राहत कोष में 1 करोड़ रुपए देने की बात कबूली गई है। उधर श्री चिंतपूर्णी मंदिर न्यास द्वारा भी 51 लाख तक की भारी भरकम रकम इस फंड में कई बार दिया जाना, कई प्रश्नों को खड़ा करता है। विदित हो कि हिमाचल प्रदेश के अधिगृहीत मंदिरों के प्रबंधन का कार्य राज्य के भाषा तथा संस्कृति विभाग सचिव की देख-रेख में संबंधित जिले के अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से संयुक्त रूप से किया जाता है। उधर, राज्य सरकार द्वारा संचालित प्रदेश के मंदिर न्यासों द्वारा चढ़ावे के पैसे में से मुख्यमंत्री राहत कोष में करोड़ों की राशि का भुगतान उन हालात में सवालों के घेरे में आ जाता है, जब प्रदेश के अनेकों मंदिरों में श्रद्धालुओं को चिकित्सा तथा शौचालयों जैसी सुविधाएं उपलब्ध न हों।


एक तरफ जहां चिंतपूर्णी जैसे ख्याति प्राप्त मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए शौचालयों जैसी सुविधाएं भी प्रॉस्पैक्टिव प्लान में तय किए गए प्रदेश के उच्च न्यायालय के मानकों पर पूरा नहीं उतरतीं, वहीं दूसरी तरफ अमरनाथ यात्रा के समकक्ष मानी जाती मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु वांछित सुविधाओं के स्तर को लेकर प्रशासन को कोसते नजर आते हैं और तो और दुर्गम पर्वतों पर मूलभूत डाक्टरी सुविधाओं का अभाव कई बार श्रद्धालुओं के लिए जानलेवा साबित हो चुका है। रजनीश खोसला व अन्य श्रद्धालुओं द्वारा यह मांग की जा रही है कि हिमाचल के मंदिर प्रशासन मुख्यमंत्री राहत कोष में भारी भरकम राशि देकर वाहवाही लूटने की बजाय पहले श्रद्धालुओं द्वारा अर्पित धनराशि का प्रयोग यहां के विभिन्न धर्मस्थलों पर वांछित स्तर की सुविधाएं अर्जित करने के लिए करें तो अच्छा होगा।