चिंतपूर्णी में पुजारी की चोरी पकड़े जाने के बाद प्रशासन का बेतुका बयान

Tuesday, Oct 18, 2016 - 02:16 PM (IST)

चिंतपूर्णी: प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी के गर्भगृह की मोबाइल कैमरा से फोटो अब केवल वही पुजारी खींच सकेगा जिसकी मंदिर में गर्भगृह के अंदर बारी होगी। बारी वाले दिन गर्भगृह के अंदर बैठे पुजारी को सुबह और शाम के समय आरती के दौरान माता की पिंडी की फोटो खींचने की अनुमति होगी जिसे वह अपने अन्य पुजारी साथियों को मोबाइल से फॉरवर्ड कर सकता है। इसके लिए उसे बाकायदा पहले अपना नाम रजिस्टर में लिखवाना होगा।


यह बात एस.डी.एम. अम्ब सुनील वर्मा ने चिंतपूर्णी में मंदिर के पुजारियों के साथ एक बैठक के दौरान कही। एस.डी.एम. सुनील वर्मा ने सोमवार को मंदिर कार्यालय में सभी पुजारियों को बुलाकर कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा की और पुजारियों से सुझाव भी मांगे, जिसमें मंदिर के गर्भगृह की किसी भी श्रद्धालु द्वारा मोबाइल से फोटो खींचने और वीडियोग्राफी करने पर प्रतिबंध लगाने की बात की गई।
मंदिर के कैंपस में किसी भी तरह से फोटो और वीडियोग्राफी पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इसके अलावा पुजारी गर्भगृह के अंदर मोबाइल फोन बजने पर अपना फोन भी सुन सकेंगे। 


रास्ते को पक्का किया जाए
पुजारियों की मांग थी कि जो लक्कड़ बाजार को मेन रोड से ऊपर को रास्ता जाता है उसकी हालत खस्ता है जिसे दोबारा से पक्का करवाया जाए। इसको लेकर मंदिर अधिकारी सुभाष चौहान ने उक्त रास्ते को शीघ्र पक्का करने का आश्वासन पुजारियों को दिया। बैठक के उपरांत एस.डी.एम. अम्ब सुनील वर्मा ने बताया कि सभी सुझावों को डी.सी. ऊना के सामने रखने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।


ये रहे उपस्थित
इस मौके पर मंदिर अधिकारी सुभाष चौहान, छपरोह के पंचायत प्रधान व मंदिर ट्रस्टी नरेन्द्र कालिया, नारी के पंचायत प्रधान व मंदिर ट्रस्टी विजय ठाकुर, मोइन के प्रधान व ट्रस्टी राकेश समनोल, पुजारी बारीदार सभा के प्रधान रविन्द्र ङ्क्षछदा व अन्य पुजारियों में केवल कालिया, दीपक कालिया, जनक कालिया, गौतम कालिया, विशाल कालिया, सतीश कालिया व विनोद कालिया मौजूद थे।


पुजारी श्रद्धालुओं में बांट सकते हैं प्रसाद
बैठक के दौरान निर्णय लिया कि पुजारी मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद को अपने घर ले जा सकते हैं। उधर, पुजारियों ने एस.डी.एम. अम्ब से मांग की कि जो देसी घी के 200 ग्राम और आधा किलो के डिब्बे मां के दरबार में चढ़ते हैं वे उन्हें माता की जोत जगाने के लिए दिए जाएं। इसके अलावा बड़े डिब्बे मन्दिर न्यास अपने पास रखे। इस बात पर एस.डी.एम. ने डी.सी. ऊना से विचार-विमर्श करने के बाद ही कोई निर्णय लेने के लिए कहा।