भाखड़ा डैम के जलस्तर में खतरनाक रूप से आई कमी, जानिए क्यों?

punjabkesari.in Monday, Jul 25, 2016 - 11:02 AM (IST)

ऊना: बरसात के मौसम में मानसून के बदले मिजाज के चलते जहां किसानों के खेत पानी से पूरी तरह तर नहीं होने के कारण उनके चेहरे पर मायूसी छाई हुई है, वहीं मौसम की बेरुखी से आम जनता भी परेशान है। मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्रों में मानसून पूरी तरह से नहीं बरसा है और न ही पहाड़ी क्षेत्रों से पानी का बहाव नदी नालों को भर सका है जिसके चलते इस वर्ष भाखड़ा डैम का जलस्तर पिछले साल के मुकाबले 50 फुट के लगभग नीचे चला गया है। 


जानकारी के मुताबिक भाखड़ा डैम की क्षमता 1680 फुट है। पिछले वर्ष डैम का जलस्तर 1639.88 तक चला गया था जबकि इस बार जलस्तर 1590.40 फुट से नहीं बढ़ा है जबकि इस डैम में आने वाले पानी का फलो पिछले वर्ष 60630 क्यूज था जो घटकर इस बार 41194 क्यूज ही रह गया। पानी की निकासी का फलो जो पिछले वर्ष 39891 क्यूज था आज 33082 क्यूज ही रह गया है। इसी तरह पौंग डैम का जलस्तर भी पिछले वर्ष के मुकाबले 55 फुट नीचे चला गया है। पौंग डैम की जलस्तर क्षमता 1390 फुट है तथा पिछले वर्ष जलस्तर 1354 फुट तक चला गया था परन्तु इस बार 1309.22 फीट से नहीं बढ़ पाया।


इस डैम में आने वाले पानी का फलो पिछले वर्ष 36291 क्यूज था जबकि इस बार 21266 क्यूज से नहीं बढ़ा जबकि निकासी का फलो पिछले वर्ष 3600 क्यूज था जिसमें कुछ बढ़ौतरी हुई है और यह 4012 क्यूज तक पहुंचा है। रणजीत सागर डैम का जलस्तर भी लगभग 17 फीट नीचे चला गया है।  इस डैम की क्षमता 527.91 मीटर है पिछले वर्ष इस डैम का जलस्तर 523.08 मीटर तक रहा है परन्तु शनिवार को इसका जलस्तर 506.48 मीटर से नहीं बढ़ा है जबकि इसमें आने वाले पानी का बहाव पिछले वर्ष 17308 क्यूज था जो घट कर 11852 क्यूज रह गया जबकि निकासी का बहाव पिछले वर्ष 24534 क्यूज था जो आज 11309 क्यूज तक ही सिमट कर रह गया है। कुल मिलाकर हिमाचल प्रदेश के मुख्य तीनों डैमों का जलस्तर कम होने से बिजली परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं जिससे प्रदेश में बिजली उत्पादन कम होने की संभावना है। 


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