मौत से भी बदतर थे मासूम ''युग'' के आखिरी 9 दिन, दास्तां पढ़कर रो पड़ेंगे आप (PICS)

Thursday, Aug 25, 2016 - 02:06 PM (IST)

शिमला: शिमला में 4 साल के मासूम युग की अपहरण के बाद हत्या के मामले में आए दिन सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। बता दें कि अपहरण के बाद मासूम के वो मौत से भी बदतर दिन थे। पुलिस को आरोपियों के मोबाइल से फोटो भी बरामद हुए हैं। इसमें उसके हाथ ब्राऊन टेप से बांधे हुए हैं और एक फोटो में उसकी गर्दन पर छुरी भी रखी हुई है। इस तरह के कई फोटो सी.आई.डी. के कब्जे में हैं। अभी आरोपी रिमांड पर चल रहे हैं और उनसे पूछताछ चल रही है। जानकारी के मुताबिक शुरुआती पूछताछ के दौरान आरोपियों ने सी.आई.डी. को बताया कि 14 जून 2014 को युग घर से बाहर खेल रहा था। वहीं नजदीक में तेजिंद्र पाल सिंह का गोदाम है।


यहां आरोपी चंद्र शर्मा और तेजिंद्र बैठे हुए थे। उस वक्त शाम के करीब 4 बज रहे थे। हल्की बारिश हो रही थी। वहीं दोनों के बीच युग के अपहरण की योजना को अंजाम देने की साजिश चल रही थी। इस दौरान उन्होंने अपने एक ओर साथी विक्रांत बख्शी को भी कॉल कर गोदाम में ही बुला लिया था। इसी बीच बारिश तेज हुई और युग एक छत के नीचे खड़ा हो गया। वहां से चंद्र शर्मा ने युग को आवाज देकर अपने पास बुलाया। युग चंद्र को अच्छे से पहचानता था। वह उसके पास चला आया। पहले आरोपियों ने युग को चॉकलेट दी और फिर उसे बहलाने के लिए वीडियो गेम दे दी। इसी बीच चंद्र को घर से कॉल आया, वह घर चला गया। जब वह लौट कर आया, तब तक तेजिंद्र और विक्रांत ने पैकिंग टेप से उसके हाथ-पांव बांध कर पेटी में डाल दिया था। चंद्र और विक्रांत पेटी उठाकर वहां पहुंचे। उसके बाद वहां बैठकर तीनों ने फिरौती कैसे मांगें, इसको लेकर योजना बनानी शुरू की लेकिन किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचे।


पत्‍थर में जिंदा बांध दिया मासूम, फिर टैंक में फेंका
बता दें कि 22 जून 2014 को युग की मौत का दिन आरोपियों ने चुना। उन्होंने युग को एक बॉक्स में हाथ-पांव बांध कर डाल दिया। आरोपियों ने चौड़ा मैदान से एक बड़ा पत्थर उठाया और रस्सी की मदद से युग में बांध दिया। उसके बाद वह एक क्लस्टन टैंक पहुंचे, वहां आराम से गाड़ी को साइड में लगाया। इधर-उधर देखा और बेहोश युग को पानी से भरे टैंक में फेंक कर चले गए। उन्होंने युग के फोटो करीब नंगा करके खींचे हैं। केवल एक सफेद रंग का छोटा सा कपड़ा कमर पर बांधा हुआ था।


मासूम युग का अपहरण और हत्या करने वाले आरोपियों के कई हाई प्रोफाइल लोगों से कनेक्शन थे। इसके चलते ही वे आपराधिक मामलों में फंसने के बाद भी आरोपी आसानी से छूटते रहे। हैरानी की बात तो यह है कि नगर निगम ने भराड़ी टैंक की सफाई के दौरान गाद के साथ मासूम का कंकाल भी बाहर फेंक दिया था। इस बारे में बुधवार को नगर निगम के अफसरों ने टैंक साफ करने वाले कर्मचारियों से पूछताछ की तो पता चला कि इसी साल जनवरी भराड़ी टैंक की भी सफाई के दौरान एक कंकाल जैसी चीज मिली थी।


फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो सुनवाई: वीरभद्र
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बुधवार को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब देते हुए सदन में कहा कि युग गुप्ता मामले में पुलिस ने गंभीरता से जांच की है, उसी के बाद यह मामला उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोर्ट में दोषियों को उचित सजा दिलाई जाएगी। युग गुप्ता के परिजनों को सरकार पूरा न्याय दिलाने को प्रयासरत है।