Watch Pics: शिमला के बहुचर्चित ''युग'' अपहरण कांड में सामने आया दर्दनाक मोड़

Tuesday, Aug 23, 2016 - 04:06 PM (IST)

शिमला: शिमला के बहुचर्चित युग अपहरण कांड में दर्दनाक मोड़ सामने आया है। 2 साल पहले रहस्यमय तरीके से लापता हुए 4 साल के बच्चे युग का शव लांगवुड के समीप कैल्सटन में सोमवार को एक बावड़ी से बरामद हुआ है। पुलिस ने इस संबंध में 3 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 जून, 2014 को रामबाजार से लापता हुए 4 साल के बच्चे युग के मामले की जांच कर रहे सी.आई.डी. विभाग को सूचना मिली कि आरोपी यहीं शिमला में घूम रहा है।


विभाग ने डी.एस.पी. भूपिंद्र बरागटा के नेतृत्व में एक टीम गठित की और मामले की जांच शुरू की। सी.आई.डी. विभाग ने विक्रांत बक्शी नामक व्यक्ति को युग के अपहरण मामले में गिरफ्तार किया और पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान विक्रांत ने कबूल किया कि युग की हत्या करके उसका शव कैल्सटन में एक बावड़ी में फैंक दिया था। सी.आई.डी. पुलिस विक्रांत के कहे अनुसार कैल्सटन में उक्त स्थान पर गई और वहां स्थित बावड़ी के टैंक से युग का कंकाल बरामद किया।


आरोपी विक्रांत ने बताया कि यह कंकाल युग का ही है, उसे मारकर इस बावड़ी में फैंका गया था। गौरतलब है कि पुलिस ने युग अपहरण मामले में 2 आरोपियों चंद्र और तेजेंद्र को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। सी.आई.डी. ने जब इन दोनों आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने मुख्य आरोपी विक्रांत बक्शी का नाम लिया। 


मांगे थे 3.60 करोड़ रुपए
गौरतलब है कि 14 अप्रैल, 2014 को शिमला के रामबाजार से एक व्यापारी विनोद कुमार गुप्ता का 4 साल का बेटा लापता हो गया था। पुलिस ने काफी जांच-पड़ताल की लेकिन जब सफलता नहींमिली तो यह मामला सी.आई.डी. के पास गया। इस संबंध में विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि उसका 4 साल का बेटा युग 14 जून, 2014 को अचानक लापता हो गया था। 27 जून को जिस दिन उसका जन्मदिन था उनके घर एक बॉक्स आया, जिसमें युग के कपड़े थे जो उसने पहने था और एक पत्र था जिसमें 3 करोड़ 60 लाख रुपए की मांग की गई थी और यह पैसे उनके नौकर हरि ओम के माध्यम से अम्बाला में देने को कहा था। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह बाद फिर एक पत्र आया, उसमें 4 करोड़ रुपए की मांग की गई थी। उसके बाद फिर एक पत्र आया, उसमें 10 करोड़ रुपए मांगे थे लेकिन जब उन्होंने पैसे नहीं दिए तो 3 महीने बाद एक पत्र आया जिसमें 4 करोड़ रुपए की मांग की गई थी। गुप्ता ने बताया कि उसके बाद यह मामला सी.आई.डी. के पास चला गया और फिर उन्हें कोई पत्र नहीं आया। हालांकि अब आरोपियों ने कबूल कर लिया है कि पैसे न देने पर युग की हत्या कर दी गई है।