मुख्यमंत्री के बयान से आहत 2 कांग्रेस सचिवों ने दिया इस्तीफा

Sunday, Sep 25, 2016 - 11:00 AM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बयान से आहत हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 2 सचिवों ने नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफे दे दिए हैं। उन्होंने अपने इस्तीफे हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपे हंै। जिन 2 प्रदेश सचिवों ने अपना पद छोड़ा है, उनका संबंध मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र शिमला ग्रामीण से है।


दोनों प्रदेश सचिवों प्रदीप वर्मा और कुसुम वर्मा ने अपने पद से इस्तीफा देने की जानकारी संयुक्त बयान में दी है। उनका कहना है कि लम्बे समय तक संगठन की सेवा करने के बाद इस तरह का अपमान सहन नहीं कर सकते। हालांकि दोनों नेताओं ने आम कार्यकर्ता की तरह पार्टी में अपनी सेवाएं देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पार्टी के प्रति उनकी कत्र्तव्य निष्ठा को देखते हुए ही सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी थी और उन्होंने बिना किसी टीए, डीए व मानदेय लिए दिन-रात पार्टी को मजबूती प्रदान करने का प्रयास किया है।


प्रदीप वर्मा ने कहा कि प्रदेश सचिव का पद उनको ऐसे ही नहीं मिला है। वह छात्र जीवन से लेकर करीब 25 सालों से पार्टी से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई के कैम्पस अध्यक्ष, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, जिला युवा कांग्रेस शिमला ग्रामीण के महासचिव, ब्लाक कांग्रेस कमेटी कसुम्पटी के महासचिव, गत 6 साल से ब्लाक कांग्रेस कमेटी शिमला ग्रामीण से निर्वाचित प्रतिनिधि और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य के तौर पर कार्य कर रहे हैं, साथ ही वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अनुमति के बाद ही उनको प्रदेश कांग्रेस कमेटी का सचिव नियुक्त किया गया।


कुसुम वर्मा ने कहा कि वह छात्र जीवन से ही पार्टी के साथ जुड़ी रही हैं और करीब 28 सालों से संगठन को अपनी सेवाएं दे रही हैं। एनएसयूआई, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस सुन्नी और ब्लाक महिला कांग्रेस शिमला ग्रामीण में बतौर अध्यक्ष कार्य किया है। इसके बाद पार्टी हाईकमान ने उनको हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पद का दायित्व दिया, जिसका वह पूरी ईमानदारी से निर्वहन कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब वर्ष, 2012 में मुख्यमंत्री ने शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था तो उन्होंने पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया। मुख्यमंत्री की तरफ से प्रदेश सचिवों को लेकर जो बयान दिया गया है, उससे उनको बहुत दुख हुआ है। ईमानदार कार्यकर्ता को इस तरह से अपमानित करना सही नहीं है।