बिना लाइसैंस नहीं बिकेंगे तम्बाकू उत्पाद

Wednesday, Aug 03, 2016 - 10:55 PM (IST)

शिमला: राज्य में अब तम्बाकू उत्पाद की बिक्री बिना लाइसैंस के नहीं हो पाएगी। इसके लिए राज्य सरकार विधानसभा के मानसून सत्र में विधेयक लाने की तैयारी कर रही है, साथ ही इस विधेयक के माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों के नजदीक भी तम्बाकू उत्पादों को बेचे जाने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है, ऐसे में यदि कोई नियमों को तोड़ता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

 

जानकारी के अनुसार तम्बाकू उत्पाद की बिक्री के लिए सरकार लाइसैंस फीस तय करेगी। इस विधेयक के प्रारूप का खाका विधानसभा सत्र से पहले होने वाली मंत्रिमंडल बैठक में तय किया जा सकता है। मंत्रिमंडल बैठक में मैडीकल कालेजों की फीस को भी तय किया जाएगा। राज्य सरकार ने तम्बाकू उत्पादों की बिक्री के अलावा डाक्टरों पर भी शिकंजा कसने का निर्णय लिया है। इसमें स्वास्थ्य विभाग ने डाक्टरों को दवा प्रिसक्रिप्शन के लिए साल्ट ही लिखने के आदेश दिए हैं। विभागीय आदेश के बाद भी यदि कोई डाक्टर इस तरह की दवा को लिखता है तो उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा जिसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

 

भाजपा को कौल सिंह की नसीहत
स्वास्थ्य एवं राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने तम्बाकू उत्पादों की बिक्री को लेकर विधेयक लाने की बात कही, साथ ही उन्होंने विपक्षी भाजपा को नसीहत दी कि वह अच्छी तरह से विपक्ष की भूमिका निभाए, साथ ही यदि भाजपा चार्जशीट बनाती है तो उसमें गलत आरोप न लगाए।

 

प्राइवेट अस्पतालों पर भी कसेगा शिकंजा
राज्य सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों पर भी शिकंजा कसने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्राइवेट अस्पतालों को बेची जाने वाली दवा के सैंपल लिए जाएंगे और सैंपल फेल होने पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सरकार को अब तक केंद्र सरकार की तरफ से आपदा से निपटने के लिए पूरी राशि नहीं मिली है। जानकारी के अनुसार जितनी राशि की मांग प्रदेश सरकार की तरफ से की जा रही है, उसका 10 या 20 फीसदी हिस्सा ही दिया जा रहा है।