अब छात्रों का बनेगा डिजिटल डाटाबेस

Sunday, Oct 09, 2016 - 10:03 PM (IST)

शिमला: देश के सभी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को डिजिटल फॉर्मैट पर डिग्रियां व सर्टीफिकेट्स प्रदान किए जाएंगे। इसको लेकर कवायद शुरू कर दी गई है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (एमएचआरडी) ने अगले वर्ष से छात्रों को डिजिटल फॉर्मैट पर डिग्रियां व सर्टीफिकेट्स प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह प्रक्रिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोजैक्ट को भी दिशा प्रदान करेगी। इसके तहत सभी डिग्रियां व बोर्ड सर्टीफिकेट वर्ष 2017 से डिजिटल फार्मैट पर कर दिए जाएंगे।


सर्टीफिकेट्स डिजिटल फॉर्मैट पर होने पर छात्रों को अपने सर्टीफिकेट्स व डिग्रियां विभिन्न साक्षात्कार व प्रक्रिया के दौरान साथ लाने से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा छात्रों को अपने पूर्व में प्राप्त सर्टीफिकेट्स व अवार्ड्स सत्यापित करवाने के बाद अपलोड करने का भी मौका मिलेगा। छात्रों का डिजिटल डाटाबेस बनेगा। इससे संबंधित छात्र या छात्रा का प्रोफाइल एक क्लिक पर उपलब्ध होगा। इस डाटाबेस में साइन अप करने के बाद छात्रों को क्लाऊड स्टोरेज की सुविधा होगी, जिसमें छात्र-छात्राएं अपने महत्वपूर्ण दस्तावेजों को रख सकेंगे।


फर्जीवाड़ा रोकने में भी मिलेगी मदद
डिजिटल डाटाबेस बनाए जाने से और छात्रों को डिजिटल फॉर्मैट पर डिग्रियां व सर्टीफिकेट्स प्रदान किए जाने पर फर्जी डिग्री व माक्र्सशीट पर भी नकेल कसी जा सकेगी। डिजिटल डाटाबेस बनने पर सर्टीफिकेट्स, डिग्रियों व माक्र्सशीट की विभिन्न प्रक्रियाओं के दौरान वैरीफिकेशन करने में भी आसानी होगी। इस प्रणाली से फर्जीवाड़ा रोकने में मदद मिलने के अलावा डिजिटल ड्राइव को भी बढ़ावा मिलेगा।