चांद पर तिरंगा लहराने को हिमाचली बेटी तैयार

Wednesday, Sep 21, 2016 - 12:21 AM (IST)

कुमारसैन: बेटी है अनमोल कहावत को आज जिला शिमला के छोटे से कस्बे कुमारसैन की बेटी कनिका अग्रवाल ने चरितार्थ कर दिखाया है जिसने अपनी कड़ी मेहनत व लगन से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का जज्बा दिखाया है। आज बेटियां हर क्षेत्र में बेटों को कड़ी टक्कर ही नहीं दे रही हैं बल्कि उनसे आगे भी निकल रही हैं।


हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के कुमारसैन की कनिका अग्रवाल का चयन नासा के लिए हुआ है और शीघ्र ही कनिका अब चांद पर तिरंगा लहराने केे  लिए नासा की प्रयोगशाला में कदम रखेगी। गत दिनों दिल्ली में स्पेस डिवैल्पमैंट नैक्सस द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में देश के 18 प्रतिभागियों में कुमारसैन की कनिका का चयन नासा के लिए हुआ है जो अगले वर्ष अमरीका जाएंगे। कनिका ये कारनामा करने वाली शिमला व प्रदेश की पहली बेटी है।


गत दिनों कनिका ने स्पेस डिवैल्पमैंट नैक्सस द्वारा आयोजित नासा रोवर प्रैक्टीकल ट्रेङ्क्षनग कैंप दिल्ली एनसीआर में 10 दिनों की कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस दौरान उन्होंने मूनबगगी (रोवर डिजाइन) को बनाना सीखा। इसके अंतर्गत नासा के नियम व विनयमों के अनुसार चंद्रमा की सतह पर चलने के बारे में बताया गया जिसका अंतिम परीक्षण जारी है।


माता-पिता ने किया प्रेरित
कनिका अग्रवाल कुमारसैन के व्यवसायी विनोद अग्रवाल की बेटी है। कनिका की इस उपलब्धि ने जहां अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है, वहीं कुमारसैन के साथ जिला शिमला हिमाचल प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। कनिका ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ शिक्षकों को दिया है जिन्होंने उसकी प्रतिभा को निखारने को अवसर दिया व आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। कनिका ने 2 वर्षों से कड़ी मेहनत के बाद अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका हासिल किया है।


अगले वर्ष जाएगी अमरीका
कनिका अब अगले वर्ष अप्रैल, 2017 में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करने के लिए हंटसविल्ले अलबामा संयुक्त राज्य अमरीका जाएंगी। टीम इंडिया में देश के अलग-अलग स्थानों से प्रतिभागी शामिल हैं जिसमें भारत देश से केवल 18 छात्रों का चयन हुआ जिसमें कुमारसैन की कनिका अग्रवाल भी चुनी गई है। अमरीका में नासा की प्रयोगशाला में कनिका अपनी टीम के साथ अपनी प्रस्तुति देगी।


बचपन से देखती थी चांद-तारों के सपने
कनिका के पिता विनोद अग्रवाल ने बताया कि बचपन से ही उनकी बेटी को चांद तारों के सपने देखने का शौक रहा है। आज अपनी कड़ी मेहनत व लगन से उनकी बेटी का सपना पूरा होने वाला है। कनिका ने दसवीं की परीक्षा जहां सरस्वती विद्या मंदिर कुमारसैन से उत्तीर्ण की व पंजाब में एरोनोटिक इंजीनियरिंग पास की।