HPU हिंसा: चीफ वार्डन समेत कई अधिकारी बदले गए

Saturday, Oct 08, 2016 - 01:53 PM (IST)

शिमला: नैक टीम के दौर से एक दिन पहले विश्वविद्यालय के टैगोर छात्रावास में छात्र गुटों के बीच हुई हिंसा की गाज विवि के चीफ वार्डन और एडिशनल चीफ वार्डन पर गिरी है। बताया जा रहा है कि कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी के आदेश पर इन दोनों पदों पर कार्यरत शिक्षकों को बदल कर नए शिक्षकों की तैनाती जारी कर दी गई हैं। 


विवि की चीफ वार्डन प्रो. वीना शर्मा को चीफ वार्डन पद से हटाकर कास्ट आफ कल्टीवेशन सेंटर का निदेशक बनाया गया है, वहीं एडिनशल चीफ वार्डन के पद पर अपर्णा नेगी की तैनाती की गई है, इस पद प्रो. आर एल जिंटा कार्यरत थे। अब तक कास्ट आफ कलटीवेशन सेंटर का अतिरिक्त कार्यभार एच.पी.यू.बी.एस. के निदेशक व पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल देख रहे थे।


नैक टीम के दौरे के तुरंत बाद किए गए इस फेरबदल को सीधे हिंसा मामले से जोड़ कर ही देखा जा रहा है। अब देखना यह होगा कि विवि प्रशासन छात्रावास सहित परिसर में 4 दिनों तक बिगड़े हालात के कारणों और इसके लिए जिम्मेदार लोगों का कैसे पता लगाता है। विवि कुलसचिव ने कुलपति के दिशा निर्देशों पर किए गए प्रशासनिक फेरबदल के आदेश भी जारी कर दिए है। विवि के कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी ने एक अक्तूबर की रात को विवि के छात्रावास में छात्र गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प में सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान का आंक लन कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए है। कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्रवाई और जांच पर फैसला लिया जाएगा। 


कुलपति ने थपथपाई शिक्षकों और कमेटी प्रमुखों की पीठ
नैक टीम के दौरे की तैयारी को बनाई गई अलग-अलग कमेटियों के इंचार्ज और अधिष्ठाताओं के साथ शुक्रवार को कमेटी रूम में बैठक की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के सहयोग से ही विभागों में टीम दौरे के लिए मुक्कमल तैयारियां संभव हुई। जिन्होंने विवि की एक अच्छी छवि को उजागर किया। एस.एफ.आई. की विवि इकाई ने एक अक्तूबर को विवि में हुई हिंसा और उसी दौरान पुस्तकालय में ए.बी.वी.पी. के कार्यकर्ताओं की ओर से छात्र के गले पर हथियार रखकर धमकाने, शीशे तोड़े जाने की घटना को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं।


नेताओं ने कहा कि रात को ए.बी.वी.पी. के कार्यकर्ता पुस्तकालय में एंटर करते हैं, शीशे तोड़ते हैं, वहां पढ़ाई कर रहे छात्र को धमकाते हैं, उसके गले पर हथियार रखते हैं। पूरे घटनाक्रम पर विवि प्रशासन ने अब तक कोई एफ.आई.आर. दर्ज करने की जरूरत नहीं समझी। इस घटना का छात्रावासों में विरोध करने जो छात्र बाहर आते हैं, उन्हें भी ए.बी.वी.पी. के गुंडातत्व धमकाते हैं और लड़ाई का माहौल बनाते हैं।


छात्रावास में हुई हिंसा के लिए सिर्फ ए.बी.वी.पी. की ओर से नामजद करवाए एस.एफ.आई. के 29 कार्यकर्ताओं में से 17 पर हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं लगाकर गिरफ्तारियां की जाती हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में नैक टीम के दौरे से एक दिन पूर्व छात्रावास में आधी रात को हुई हिंसा मामले की जांच को कुलपति ने जांच कमेटी बना दी है। लेकिन सूत्र बताते है कि डी.एस. की अध्यक्षता में बनी यह कमेटी पूरे प्रकरण की तह तक जांच कर 15 अक्तूबर तक कुलपति को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।