हजारों होमगार्डों ने सुप्रीम कोर्ट में जीती अपने हक की लड़ाई, जानिए क्यों?

Thursday, May 05, 2016 - 04:49 PM (IST)

शिमला/चंबा: हिमाचल प्रदेश में कार्यरत होमगार्ड के जवानों ने लंबे संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपने हकों की जंग जीत ली है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गृहरक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सरकार को उन्हें पुलिस जवानों के बराबर बेसिक, ग्रेड-पे व डी.ए. देने का आदेश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राज्य में कार्यरत 8 हजार से अधिक होमगार्ड जवान लाभान्वित होंगे। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किए हैं।


सूचना के अनुसार अब होमगार्ड के जवानों को करीब 18 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से वेतन मिलेगा। विशेष है कि वर्तमान में गृहरक्षकों को पहली अप्रैल से 350 रुपए दैनिक भत्ता ही दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेशों से गृहरक्षकों को खासा लाभ होगा। उल्लेखनीय है कि पुलिस कांस्टेबल के बराबर सुबह से शाम तक सेवाएं देने के बावजूद उचित वेतन नहीं मिलने पर हिमाचल प्रदेश होमगार्ड कल्याण एसोसिएशन ने अपने हकों की लड़ाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को अपना जवाब देते हुए पुलिस कांस्टेबल के बराबर वेतन दिए जाने का पक्ष रखा था लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा था।


इसके बाद एसोसिएशन फिर से सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई, जिसमें उन्हें अब आज जीत मिल गई है। सूचना के अनुसार डी.जी. होमगार्ड एस.आर. मरडी भी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने विभाग का पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से होगगार्ड के जवानों में खुशी की लहर है। डी.जी. होमगार्ड एस.आर. मरडी ने संपर्क करने पर बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आर्डर की कॉपी अभी नहीं मिली है लेकिन उन्होंने माना कि सुप्रीम कोर्ट से होमगार्ड के जवानों को पुलिस कांस्टेबल के बराबर बेसिक, ग्रेड-पे व डी.ए. संबंधी आदेश जारी हुए हैं। 


हिमाचल प्रदेश होमगार्ड कल्याण एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष विवेंद्र ठाकुर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, उसका एसोसिएशन स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के आने से राज्य में कार्यरत 8 हजार गृहरक्षक लाभान्वित होंगे और उन्हें प्रतिमाह करीब 18 हजार रुपए के हिसाब से वेतन मिलेगा। उन्होंने कहा कि लंबे समय से एसोसिएशन यह लड़ाई लड़ रही थी।