हिमाचल में बिना पासिंग के चलाई जा रहीं 108 व 102 एम्बुलैंस

Monday, Jul 18, 2016 - 12:28 AM (IST)

शिमला: प्रदेशभर में 108 व 102 एम्बुलैंस बिना पासिंग के चलाई जा रही हैं जोकि हादसे का एक मुख्य कारण बन चुका है। हिमाचल प्रदेश यूनियन के अध्यक्ष पूर्ण ने कहा कि हाल ही में रामपुर में 2 कर्मचारी अजय और सुनील दोनों ने अपनी जान देकर सरकार व कंपनी की पोल खोल कर रख दी है।

 

108 व 102 के कर्मचारियों को कंपनी का तानाशाही रवैया सहन करना पड़ रहा है क्योंकि यदि कर्मचारी कंपनी के खिलाफ आवाज उठाता है तो कंपनी उसे निकाल देती है या उसका तबादला दूरदराज के क्षेत्रों में कर देती है। इस डर से दोनों साथियों ने अपनी जान दे दी। उन्होंने कहा कि आम जनता व कर्मचारियों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यह मामला स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर और स्वास्थ्य सचिव प्रमोद सक्सेना के सामने भी लाया गया है। उन्होंने तुरंत कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।

 

रविवार को 15 से 20 गाडिय़ां बिना पासिंग के खड़ी कर दी गई हैं, अब सरकार को कंपनी के विरुद्ध एसमा लगाना चाहिए और जिन गाडिय़ों की पासिंग नहीं हुई है, उस गाड़ी का सामान निकाल कर दूसरी गाड़ी में लगवाकर पासिंग करवाई जा ही है। वहीं कर्मचारियों से 12 घंटे से ज्यादा ड्यूटी ली जाती है जोकि बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि कई बार कर्मचारियों को 24 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है।

 

नहीं है कोई भी रिलीवर
यूनियन अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि 102 में कोई भी रिलीवर नहीं है जबकि सरकार को रिलीवर कंपनी ने दर्शाए हैं और उनका पैसा भी कंपनी सरकार से हड़प कर रही है। कंपनी ने 108 के 150 और 102 के कई कर्मचारियों को बिना किसी कारण के निकाल दिया। उनका दोष केवल इतना था कि उन्होंने जीवीके एमआरआई द्वारा 108 से किए जा रहे शोषण के खिलाफ आवाज उठाई। 102 में भी डीजल की माइलेज 13 से 16 किलोमीटर मांगते हैं, नहीं तो फोन बिल व डीजल का पैसा वेतन से काटते हैं। स्टाफ पूरा न होने के बाद भी अगर किसी लोकेशन में केस कम हों तो एक शिफ्ट में कंपनी गाड़ी को ऑफ रोड करवा देती है, जिसका खमियाजा कर्मचारियों को अपना वेतन कटवाकर भुगतना पड़ता है।