हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को दिए यह आदेश

Wednesday, Jul 27, 2016 - 01:06 AM (IST)

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने मादक पदार्थों के उत्पादन को खत्म करने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक को आदेश दिए हैं कि वह जांच अधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी करें कि वे इस तरह के मामलों से जुड़े मुख्य स्रोतों को खोज निकालें। इसके अलावा प्रदेश के अंदर व बाहर मादक पदार्थ को भेजने के अंतिम डैस्टिनेशन का भी पता लगाएं। न्यायाधीश राजीव शर्मा व न्यायाधीश सुरेशवर ठाकुर की खंडपीठ ने उस व्यक्ति के खिलाफ भी मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं जिसे मादक पदार्थ की अंतिम डिलीवरी की जानी हो। इस तरह के मामलों में सजा प्राप्त दोषियों के ऊपर वारंट की तामील का जिम्मा सब इंस्पैक्टर के अधिकारी को सौंपने के आदेश दिए गए हैं।

 

कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जो भी पुलिस अधिकारी वारंट की तामील करने जाए वह हथियारों से लैस हो। कमर्शियल क्वांटिटी से अधिक मामलों की सुपरविजन का जिम्मा पुलिस अधीक्षक ओहदे वाले अधिकारी को सौंपने के आदेश जारी किए गए हैं। अपने पिछले बयान से मुकरने वाले पुलिस कर्मियों तथा अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाने के आदेश दिए गए हैं। केवल अच्छे व्यक्तित्व वाले अधिकारियों को इस तरह की जांच के लिए स्पैशल टास्क फोर्स में तैनात करने के आदेश दिए हैं।

 

कोर्ट ने आईजीएमसी में आयोजित सैमीनार में उजागर किए इस तथ्य पर चिंता जताई कि 40 फीसदी युवक मादक पदार्थों का सेवन करते हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे इनकी लत में पड़ चुके हैं। इसके अलावा कोर्ट ने मादक पदार्थ रखने के दोषी के परिवार व रिश्तेदारों को पंचायत व अन्य स्थानीय निकायों के चुनावों को लडऩे पर प्रतिबंध लगाने के लिए पंचायती राज एक्ट, नगर निगम एक्ट व हिमाचल प्रदेश म्युनिसिपल एक्ट में जरूरी संशोधन के लिए 6 माह का समय दिया है।

 

शिक्षा संस्थानों के समीप सादे कपड़ों में पुलिस की तैनाती के आदेश
कोर्ट ने शिक्षा संस्थानों के मुख्यों को आदेश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके संस्थान ड्रग्स फ्री हों। प्रदेश के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सादे कपड़ों में पुलिस अधिकारियों को शिक्षा संस्थानों के समीप तैनात करें। कोर्ट ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई कैमिस्ट 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को नशीली दवाइयां न बेचें।