हाईकोर्ट ने MMU को लगाई फटकार, दिए ये आदेश

Wednesday, Sep 21, 2016 - 02:08 PM (IST)

शिमला: महऋषि मार्कंडेय यूनिवर्सिटी एमबीबीएस एडमिशन विवाद में प्रदेश हाईकोर्ट ने एमएमयू को आदेश दिए कि वह काऊंसलिंग कमेटी द्वारा जारी की गई लिस्ट के अनुसार छात्रों को अपने संस्थान में दाखिला दें। कोर्ट ने अपने आदेशों में यह भी स्पष्ट किया कि दाखिला लेने वाले छात्रों को यह अंडरटेकिंग देनी होगी कि यदि इस मामले में कभी भी कोर्ट ने दाखिला फीस में कोई बदलाव किया तो उन्हें वह मान्य होगा। कोर्ट ने यह अंडरटेकिंग हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के समक्ष देने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर व न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने आरुषि ठाकुर सहित 62 छात्रों द्वारा दायर रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात यह आदेश जारी किए।


प्रार्थियों के अनुसार उन्हें एमएमयू बिना कोई लिखित कारण बताए एमबीबीएस कोर्स हेतु दाखिला नहीं दे रहा है। विश्वविद्यालय का कहना है कि मौजूदा फीस में उन्हें संस्थान चलाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। सरकार एक तरफ तो उत्तम शिक्षा दिए जाने की बात करती है परंतु फीस में जरूरत के हिसाब से बदलाव करने में पीछे रहती है। मामले के अनुसार प्रार्थियों ने सीबीएसई द्वारा 1 मई और 24 जुलाई को आयोजित एनईईटी की परीक्षा दी थी।




इसके पश्चात एचपीयू द्वारा आयोजित केंद्रीय काऊंसलिंग कमेटी ने उनके नाम एमएमयू में दाखिले के लिए प्रायोजित किए। 8 सितम्बर को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने भी उन्हें दाखिला दिए जाने की अनुशंसा की। कोर्ट ने मामले के सभी पक्षकारों को याचिका का जवाब 26 सितम्बर तक दायर करने के आदेश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 3 अक्तूबर को होगी।