नशीले पदार्थ पर हाईकोर्ट का निर्णय सराहनीय : अग्रिहोत्री

Thursday, Aug 18, 2016 - 09:45 PM (IST)

शिमला: उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने नशीले पदार्थ को रोकने के लिए हाईकोर्ट के निर्णय की सराहना की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नशे का कारोबार करने के लिए नियमों को कड़ा करेगी। मुख्यमंत्री से इस विषय पर उनकी विस्तार से चर्चा हुई है। सरकार ने पुलिस और जिला प्रशासन को आवश्यक निर्देश भी जारी किए हैं, जिसमें पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
 
नशे का कारोबार देश के लिए गंभीर समस्या के रूप में उभरकर सामने आया है। इस बुराई से निपटने के लिए राज्य सरकार हाईकोर्ट के निर्देशानुसार हर कदम उठाने के लिए कृतसंकल्प है। इस बुराई को जड़ से मिटाने के लिए जनभागीदारी जरूरी है। इसी कारण सरकार ने पंचायत स्तर से जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
 
हाईकोर्ट ने क्या कहा 
प्रदेश हाईकोर्ट ने नशे को लेकर केंद्र सरकार को आदेश जारी किए हैं कि वह नशीले पदार्थों का उत्पादन करने, रखने, बेचने व तस्करी करने वाले दोषियों को मृत्यु दंड देने का प्रावधान बनाने बारे 3 महीने के भीतर निर्णय ले। न्यायाधीश राजीव शर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्रीय वित्त एवं राजस्व मंत्रालय के सचिवों को उपरोक्त आदेश पारित करते हुए कहा कि वे इस तरह के मामलों में न्यूनतम 10 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान भी बनाएं। हाईकोर्ट ने नशीले पदार्थों की मात्रा सहित सूची तैयार की है। इस सूची में 10 किलोग्राम अफीम, 1 किलोग्राम हैरोइन, 1 किलोग्राम कौडीन, 1 किलोग्राम थैबेंन, 1 किलोग्राम मॉॢफन, 500 ग्राम कोकीन तथा 20 किलोग्राम चरस और ऐसी ही मादक दवाइयां बनाने, रखने व बेचने वाले अपराधी शामिल किए गए हैं।
 
राज्य में नशे को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े
- 100 टन चरस व 20 टन अफीम के कारोबार की सूचना।
- 100 हैक्टेयर क्षेत्र में भांग के उगाए जाने की जानकारी।
- 82.5 फीसदी घरों में सिगरेट को पीने वाले लोग मौजूद।
- 19 फीसदी स्कूली व 23 फीसदी कालेज के छात्र पीते हैं सिगरेट।
- 72 फीसदी बच्चे पीते हैं खुली सिगरेट।
- 700 फैक्टरियों व 5,500 कैमिस्टों की निगरानी के लिए 17 लोगों का स्टाफ नाकाफी।