जन्मदिन पर CM वीरभद्र ने खोला नौकरियों का पिटारा

Thursday, Jun 23, 2016 - 09:42 AM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश के 8 हजार गृहरक्षकों को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने बर्थ-डे से एक दिन पूर्व बड़ा तोहफा प्रदान किया है। इसके तहत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार होमगार्ड के जवानों को पुलिस कांस्टेबल के बराबर वेतन देने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर मोहर लगाई गई, ऐसे में अब होमगार्ड के जवानों को 350 के स्थान पर 571 रुपए की राशि दैनिक भत्ते के रूप में मिलेगी।

 

कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब जवानों को सभी भत्तों को मिला कर करीब 18 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से वेतन मिलेगा, साथ ही प्रदेश सरकार पर सालाना 60 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। विशेष है कि पिछले कई सालों से होमगार्ड के जवान अपने हकों की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहे थे और बीते मई माह में सुप्रीम कोर्ट ने गृहरक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया था लेकिन सरकार ने इस दिशा में अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया। वित्त विभाग की मंजूरी के बाद बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने होमगार्ड जवानों के पक्ष में निर्णय लिया।

 

प्रदेश में होमगार्ड के जवानों की संख्या 8 हजार के करीब है। इनमें से वर्तमान में 1 हजार के करीब जवान ही सरकारी एवं अद्र्ध-सरकारी संस्थानों में सेवाएं दे रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश सरकार एक साथ सभी 8 हजार जवानों को ड्यूटी पर तैनात नहीं कर सकती, ऐसे में रोटेशन आधार पर इनकी तैनाती की जाती है। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डा. श्रीकांत बाल्दी ने माना है कि मंत्रिमंडल की बैठक में गृहरक्षकों के वेतन में वृद्धि संबंधी निर्णय लिया गया।

 

कितनी ड्यूटियां अभी नहीं तय
सूत्र बताते हैं कि कैबिनेट में अभी यह तय नहीं हुआ है कि साल में एक जवान से कितनी ड्यूटियां ली जाएंगी। जाहिर है ऐसे में आर्थिक संकट से जूझ रही प्रदेश सरकार गृहरक्षकों की ड्यूटी में कट लगा सकती है। गृहरक्षक 12 माह की ड्यूटी व पुलिस कांस्टेबल के बराबर वेतन मांग रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी 12 माह की ड्यूटी के साथ पुलिस जवानों को मिलने वाले सभी लाभ के साथ वेतन जारी करने का फैसला सुनाया था।

 

क्या कहते हैं संघ के प्रदेशाध्यक्ष
होमगार्ड कल्याण संघ के प्रदेशाध्यक्ष विवेंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश के गृहरक्षकों को पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उनके हितों को ध्यान में रखते हुए उचित फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक ड्यूटी में कट नहीं लगाने की बात है, इस संदर्भ में कई बार मुख्यमंत्री से बात की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जब तक अधिसूचना जारी नहीं होती तब तक कैबिनेट में वेतन बारे कुछ स्पष्ट नहीं कह सकते।