इन 3 सीमैंट कंपनियों पर लगा 6 करोड़ Tax और जुर्माना, आखिर क्या है वजह?

Tuesday, Aug 30, 2016 - 09:34 AM (IST)

सोलन: प्रदेश में कार्यरत सीमैंट कंपनियां अन्य राज्यों की तुलना में हिमाचल में सीमैंट महंगा ही नहीं बेच रही हैं बल्कि टैक्स चोरी कर प्रदेश के राजस्व को करोड़ों रुपए का चूना भी लगा रही हैं। आबकारी एवं कराधान विभाग के दक्षिण क्षेत्र के उड़नदस्ते ने 3 सीमैंट कंपनियों की टैक्स चोरी का भंडाफोड़ किया है। इन सीमैंट कंपनियों ने प्रदेश में बिना एंट्री टैक्स के 380 करोड़ रुपए के ईंधन का आयात किया। विभाग की मानें तो ये तीनों सीमैंट कंपनियां जिला सोलन व सिरमौर की हैं। टैक्स चोरी का यह मामला जुलाई, 2011 से 31 मार्च, 2016 के बीच का है।


विभाग ने इस मामले में 3 कंपनियों को करीब 6 करोड़ रुपए का जुर्माना किया है। इसमें 2 कंपनियों ने 5.20 करोड़ रुपए सरकारी खजाने में जमा किए हैं जबकि एक कंपनी ने अभी यह जुर्माना नहीं भरा है। जुर्माने की शेष बची राशि करीब 80 लाख रुपए उक्त कंपनी द्वारा ही जमा करवाई जाएगी। विभाग ने यह कार्रवाई प्रवेश कर अधिनियम 2010 के तहत की है। हैरानी की बात यह है कि कंपनियों को इस एंट्री टैक्स का पता नहीं था। विदित रहे कि सीमैंट कंपनियां प्रदेश के बाहर से कोयले का आयात करती हैं।


प्रदेश सरकार ने जनवरी, 2011 में राज्य में आयातित होने वाले कच्चे माल व उद्योगों में प्रयोग होने वाले अन्य पदार्थों पर 2 फीसदी टैक्स लगाया था। कोयले सहित कुछ अन्य ईंधनों को इस टैक्स से बाहर रखा गया था किंतु सरकार ने जुलाई, 2011 में एंट्री टैक्स एक्ट में संशोधन किया। हालांकि सीमैंट कंपनियां अन्य कच्चे माल पर नियमित रूप से टैक्स जमा कर रही थीं लेकिन ईंधन पर जुलाई, 2011 से कोई टैक्स ही जमा नहीं किया। विभाग ने जब मामले की जांच की तो एक कंपनी का कहना था कि जुलाई, 2011 में हुए संशोधन का उन्हें पता नहीं चला अन्यथा पूरा टैक्स अवश्य भरते।


दूसरी कंपनी का तर्क था कि एक्ट में ईंधनों से सम्बन्धित टैक्स का प्रावधान 2 स्थानों पर होने के कारण स्थिति स्पष्ट नहीं थी। तीसरी कंपनी के विरुद्ध मामला अभी विचाराधीन है। विभाग के संज्ञान में 3 महीने पूर्व यह मामला आया था। 2 कंपनियों ने अपनी गलती भी स्वीकार कर ली है। इन कंपनियों ने 5.80 करोड़ रुपए का जुर्माना भी जमा कर दिया है। इस मामले का पर्दाफाश उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त डा. सुनील कुमार की अगुवाई में ई.टी.ओ. अमित शोष्टा, इंस्पैक्टर अमित कश्यप, दीप चंद शर्मा व निर्मला देवी की टीम ने किया।