हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के फैसले: सबको मिलेंगी सस्ती दालें, जलरक्षकों का मानदेय बढ़ा

Tuesday, Sep 06, 2016 - 01:08 PM (IST)

शिमला (पत्थरिया): हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से नियुक्त किए गए जल रक्षकों के मासिक मानदेय को 1350 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए करने को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस निर्णय से 2,220 जल रक्षक लाभान्वित होंगे तथा राज्य पर वार्षिक 8.50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने की।


बैठक में हिमाचलियों की तरफ से गैर-हिमाचलियों को शेयर बेचने अथवा हस्तांतरित करने के संबंध में जलविद्युत नीति-2006 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। अब मूल हिमाचली 2 मैगावाट क्षमता तक की जलविद्युत परियोजनाओं को पूर्ण विनिमेश सहित निष्पादन के 2 वर्ष के उपरांत 49 फीसदी समान भागीदारी गैर-हिमाचलियों को बेच सकेंगे। इसी प्रकार ऐसे हिमाचली जिन्हें 2 से 5 मैगावाट क्षमता तक की परियोजनाएं आबंटित की गई हैं, उन्हें वे निष्पादन के 2 वर्ष के उपरांत बेच सकेंगे अथवा 51 फीसदी समान भागीदारी गैर-हिमाचलियों को हस्तांतरित कर सकेंगे। हालांकि उपरोक्त दोनों मामलों में भागीदारी हस्तांतरण के लिए कुछ उचित शुल्क वसूला जाएगा।


मंत्रिमंडल ने चम्बा जिले में 3 मैगावाट की ज्वाइनर-2, सिरमौर जिले में 0.80 मैगावाट की कांडा, शिमला जिले के रावी में 1 मैगावाट तथा मंडी जिले के चाहौड़ में 2 मैगावाट की जलविद्युत परियोजनाओं को निरस्त करने को भी अपनी स्वीकृत प्रदान की। बैठक में प्रदेश में जलविद्युत परियोजनाओं के कारण प्रभावित परिवारों को हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत विनियमन आयोग की तरफ से निर्धारित उपदानयुक्त प्रतिमाह 100 यूनिट बिजली नि:शुल्क प्रदान करने को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की। इसे वर्ष में एक बार किया जाएगा क्योंकि आयोग द्वारा वर्ष में एक बार दरें निर्धारित की जाती हैं। मंत्रिमंडल में प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के गरीबी की रेखा से ऊपर रहने वाले परिवारों को 35 किलोग्राम राशन प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की गई। यह भी निर्णय लिया गया कि सरकार की तरफ से सभी राशनकार्ड धारकों को 3 दालें बिना किसी सदस्यों की संख्या की शर्त के दी जाएंगी।