HPCA मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वीरभद्र को बनाया पार्टी

Tuesday, Sep 01, 2015 - 05:11 PM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को एच.पी.सी.ए. से गिला हो सकती है लेकिन वह तो धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम से भी नफरत करते हैं।


नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने विधानसभा परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह बात कही। उन्होंने जानकारी दी की एच.पी.सी.ए. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अब वीरभद्र सिंह को भी पार्टी बनाने का नोटिस दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें हर चीज में धूमल की साजिश नजर आती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 3 साल तक आयकर की गलत रिटर्न भरी जाती है तो उसमें गलती धूमल की कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसी तरह सेब से होनी वाली लाखों रुपए की आय 3 साल बाद करोड़ों में दर्शोई जाती है और सेब स्कूटर व टैंकर से ढोया जाता है।


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में उनके पार्टी से जुड़े नेता सी.डी. जारी करते हैं तो उसमें उनकी गलती क्या है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को उन्हें हर मामले में दोषी ठहराने की बजाय आत्म विवेचन करना चाहिए तब उन्हें पता लग जाएगा कि गलती किसकी है। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पावर कंपनी पर मेहरबानी दिखाते हुए करोड़ों की कम्पनसेटरी ग्रांट नहीं वसूली। उन्होंने कहा कि यह वही कंपनी है जिसे मुख्यमंत्री ने अपना घर किराए पर दे रखा है। धूमल ने आरोप लगाया कि सदन में सरकार किसी भी विकासात्मक मुद्दे पर चर्चा नहीं चाहती थी।


उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अनेक नोटिस भाजपा विधायकों की तरफ से दिए गए। विधायक रणधीर शर्मा ने उन्हीं मुद्दों को उठाया। उन्हें बोलने तक का समय नहीं दिया गया। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि सरकार ने डैडलॉक तोड़ने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने गतिरोध तोड़ने के लिए सोमवार सुबह 10 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जबकि भाजपा विधायक दल की बैठक का भी यही समय तय किया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसे में करीब 10 मिनट बाद जब भाजपा विधायक दल के मुख्य संचेतक सुरेश भारद्वाज सर्वदलीय बैठक में भाग लेने पहुंचे तब तक संसदीय कार्य मंत्री वहां से जा चुके थे। उन्होंने कहा कि ऐसे में गतिरोध तोडऩे पर किस से चर्चा की जाती।