Watch Pics: इस NH पर कदम-कदम पर खतरा, मौत बनकर गिरती हैं चट्टानें

punjabkesari.in Sunday, Jul 30, 2017 - 01:55 PM (IST)

मंडी (नीरज शर्मा): चंडीगढ़ से मनाली के लिए जाने वाले नैशनल हाईवे-21 पर सफर करना किसी रोमांच से कम नहीं है। दरअसल मंडी से औट तक के बीच का हाईवे खतरे के साथ-साथ रूह कंपा देनी वाली घटनाओं के लिए विख्यात होता जा रहा है। एक तरफ उफनती ब्यास नदी है तो दूसरी तरफ भरभरा कर गिरते पहाड़। न तो सरकार आज दिन तक इन दरकते पहाड़ों की रोकथाम की कोई योजना बना पाया है और न ही प्रशासन। धीरे-धीरे यह नैशनल हाइवे अब खतरों का हाईवे बन गया है।
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इस हाईवे पर भूस्खलन होना आम बात
पहाड़ दरकने के जो लाइव वीडियो सामने आए हैं उनसे पता चलता है कि यह हाईवे कितना खतरनाक हो चुका है। बरसात के दिनों में इस हाईवे पर भूस्खलन होना आम बात है। कभी बड़ी-बड़ी चट्टानें यहां पर आकर नुकसान पहुंचाती हैं तो कभी पहाड़। यहां पर वाहनों के ब्यास नदी में गिरने या फिर पहाड़ से पत्थर गिरने की घटनाओं ने अब तक कईयों को मौत की नींद सुला दिया है। रोजाना इस एनएच पर हजारों की संख्या में वाहन गुजरते हैं, क्योंकि लाहुल-स्पीति, मनाली और कुल्लू के लिए यही मुख्य रास्ता है। स्थानीय लोग सफर के दौरान अमूमन इसी चिंता में रहते हैं कि न जाने कब कौन सा पहाड़ उन पर आफत बनकर गिर जाएगा।
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किसी खतरे से कम नहीं यह नैशनल हाईवे 
एसडीएम सदर पूजा चौहान से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रशासन जल्द ही एक टीम बुलाने जा रहा है जो इस बात का पता लगाएगी कि दरकते पहाड़ों की रोकथाम कैसे की जाए। इस टीम में जियोलॉजी विभाग के एक्सपर्ट भी होंगे और आइआइटी मंडी के एक्सपर्ट भी। कुल मिलाकर मौजूदा समय में नैशनल हाईवे-21 पर सफर करना किसी खतरे से कम नहीं और यह खतरा दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि इन पहाड़ियों के बीच से होकर फोरलेन की जो टनलें बनेंगी, उनसे पहाड़ों की स्थिरता और भी कम हो सकती है। यानी भविष्य में खतरों का यह हाईवे और ज्यादा खतरनाक होने वाला है। 
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