स्मृति शेष: हिमाचल से जुड़ीं सुषमा स्वराज की कुछ आंखों देखी यादें

punjabkesari.in Wednesday, Aug 07, 2019 - 11:41 AM (IST)

जब कांगड़ा वालों से बोलीं थी सुषमा, अब सर्दी नहीं सताएगी

बात उन दिनों की है जब बीजेपी प्रदेश में फिर से सत्ता में आने के लिए कमर कस रही थी। शाहपुर में सुषमा स्वराज को बीजेपी के प्रचार का श्रीगणेश करना था। सरवीण चौधरी ने जबरदस्त इंतज़ाम कर रखे थे। नाश्ते में अपने हाथ से बनी अनारदाने की टिक्की खिलाने के बाद जब वे सुषमा जी को मंच पर लाईं तो रेस्टहाउस और रैली स्थल के थोड़े से फासले में स्थानीय महिलाओं ने सुषमा स्वराज को भरपूर प्यार दिया। अधिकांश महिलाएं अपने हाथों से बुने उन के दुशाले (पट्टू) लाई थीं। एक के बाद एक इतने पट्टू मिले कि एक बारगी तो उनके अंगरक्षक को उन्हें संभालना मुश्किल हो गया। मंच के पास जाकर जब थोड़ा सा स्थान मिला तो सुषमा स्वराज रुकीं और अपने निजी स्टाफ को आदेश दिया कि सारी शाल संभाल कर रखना। मौका पाकर   हमने उन्हें बताया कि  इन्हें शॉल नहीं पट्टू कहते हैं और पहाड़ी में पट्टू डालना भी एक कहावत है जिसका अर्थ है अपना बनाना। बाद में मंच से सुषमा स्वराज ने भाषण की शुरुआत इस तरह से की- आपने ढेरों पट्टू डाल कर जो प्यार दिया है उस प्यार की गर्मी और ये पट्टू अब कई साल मुझे सर्दी नहीं लगने देंगे। मैं सारे पट्टू दिल्ली ले जा रही हूं और यकीन दिलाती हूं कि बारी-बारी  सबको ओढूंगी, जो मुझे आपके प्यार की याद दिलाते रहेंगे। पंडाल में देर तक तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रहीं और  जनसभा में आई महिलाओं (जिन्होंने उन्हें ये पट्टू भेंट किये थे )  उनके चेहरे की खुशी देखते ही बनती थी।   
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जब सुषमा स्वराज के लिए पुलिस से भिड़े थे मूंछों वाले प्रवीण शर्मा 

सुषमा स्वराज को शिमला के रिज स्थित आशियाना में एक पत्रकार वार्ता सम्बोधित करनी थी।   देरी हो जाने के कारण उन्हें शैले-डे चौक से  सीधे  इंदिरागांधी खेल परिसर से ले जाने का रुट पकड़ा गया। सरकार कांग्रेस  की थी। शैलेडे से तो उनको जाने दिया गया लेकिन प्रवीण शर्मा उनकी सेहत के मद्देनज़र चाहते थे कि उनको बीच  की सड़क से  रिज स्थित वहां तक जाने दिया जाए जहां नगर निगम के पानी के टैंकर खड़े होते हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन नहीं माना। प्रवीण शर्मा पुलिस से उलझ गए। इस बीच सुषमा स्वराज नीचे उतरीं और प्रवीण शर्मा को गले लगाते हुए बोलीं। अगर मेरा भाई मेरे लिए इस तरह सरकार से लड़ सकता है तो मैं आधा किलोमीटर नहीं आधा दिन पैदल चल सकती हूं और फिर वे वहां से पैदल चलकर आशियाना पहुंचीं।  
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जब मॉल रोड पर मेहंदी लगवाने पहुंच गई थीं सुषमा स्वराज 

शिमला में पीटर हॉफ में बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व की अहम् बैठक थी। इस त्रिदिवसीय बैठक के दूसरे दिन शाम को अचानक रिज मैदान के ऊपर टका बेंच के पास हलचल मच गई। भीड़ देख हम भी पहुंचे कि पता नहीं क्या हो गया। जब देखा तो पाया कि वहां सुषमा स्वराज मेहंदी लगवा रही थीं। टका बेंच पर मेहंदी लगाने वाले बैठे रहते हैं। सुषमा स्वराज उनके दिए पटड़े पर बैठकर  आराम से मेहंदी लगवा रही थीं और लोग उनकी इस सादगी से निहाल हो रहे थे। मीडिया ने पूछा तो इतना कहा- किसी महिला कार्यकर्ता ने बताया था कि रिज पर मेहँदी लगाने वाले गजब के डिजाइन बनाते हैं। 
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...सोचा शिमला में हूं तो मौका क्यों छोड़ा जाए।  (संकुश/शिमला)


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