PICS: बर्फबारी के बीच इस गर्भवती महिला के लिए भगवान बने पुलिस के ये जवान

Tuesday, Jan 10, 2017 - 04:54 PM (IST)

शिमला: हिमाचल के शिमला में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे पढ़ कर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे। शिमला की भौंट पंचायत में दर्द से कहराती गर्भवती महिला कामिनी और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए पुलिस लाइन भराड़ी के 6  जवान भगवान बनकर मदद को आगे आए। हैरानी की बात यह है कि 108 और अन्य एंबुलेंस सेवा ने जब बर्फ के बीच गाड़ी भेजने से मना कर दिया तो इन्हीं छह जवानों ने गर्भवती कामिनी (23) को कुर्सी में डंडे बांध कंबल के बीच लपेट कर 10 किलोमीटर पैदल सफर कर कमला नेहरू अस्पताल पहुंचाया। गर्भवती महिला और उसके बच्चे की जान को बचाकर इन जवानों ने इंसानियत की मिसाल कायम की। अस्पताल पहुंचाने के बाद महिला का साढ़े 9 बजे बड़ा सजेरियन ऑपरेशन हुआ। जिससे मां और बच्चे दोनों की जान बच हई और वह दोनों सुरक्षित है।


छह जवानों की बदौलत से बची ये दोनों जिंदगियां
इन छह पुलिस वालों मुख्य आरक्षी रवि, पुनीत, आरक्षी देवेंद्र मेहता, और सुनील और शिव कांत ने बिना समय गवाएं महिला को उठाकर अस्पताल पहुंचाया। करीब साढ़े 3 घंटे में महिला को अस्पताल पहुंचाने की वजह से ही दोनों की जान बच पाई। अस्पताल के चिकित्सक संदीप ने कहा कि अगर महिला और बच्चे की घर या रास्ते में ही डिलिवरी हो जाती तो उनकी जान को खतरा हो सकता था। ये दोनों जिंदगियां सिर्फ इन छह जवानों की ही बदौलत से बची हैं। उन्होंने कहा कि वे प्रशासन और सरकार से सही मायने में जनता की मुसीबत में मदद करने वाले जवानों को प्रोत्साहित करे। 


ये है पूरा मामला 
रविवार को शाम करीब साढ़े 5 बजे गर्भवती महिला कामिनी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई, उस समय घर पर कामिनी और उसकी मां सरला बिल्कुल अकेली थी, पति स्वरूप भी घर से बाहर चंडीगढ़ था। सरला ने पहले लोगों से मदद मांगी, 108 एंबुलेंस को कॉल किया गया, मगर रास्ता ठीक न होने और उनका वाहन कहीं और फंसे होने की बात सुनने के बाद उसके पास कोई रास्ता नहीं बचा था। ऐसे में भराड़ी पुलिस लाइन के जवानों को जैसे ही इसका पता चला। ये छह जवान महिला की मदद के लिए आए और करीब तीन घंटे बर्फ वाले रास्ते से महिला को कुर्सी पर बिठा कर अस्पताल तक पहुुंचाने में कामयाब हुए। इन्हीं की बदौलत मां और बच्चे दोनों की जान बच गई।