नागिन ने 72 बार डंसा यह शख्स, क्या यह इंतकाम की कहानी है? (Watch Video)

Monday, Nov 07, 2016 - 07:25 PM (IST)

कुल्लू/मंडी (मनमिंदर अरोड़ा): भारत में देखा जाए तो हमेशा ही नाग-नागिन की कहानियां प्रचलित हैं। कई बार लोग नाग-नागिन को देखने के दावे करते हैं, जिसमें से कुछ तो अफवाहें होती हैं और कुछ सच्चाई। सांप द्वारा काटे जाने की घटनाएं तो आपने कई बार सुनी होगी। लेकिन सांप अगर किसी इंसान के पीछे हाथ धोकर पड़ जाए, यह बात सुनने में थोड़ी अजीब लगती है। आज हम आपको ऐसी कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो एक ऐसा रहस्य बना हुआ है, जिसे आजतक कोई नहीं सुलझा पाया है। यह कहानी है हिमाचल के मंडी जिले के बल्हघाटी के ऊनांद गांव की। यहां पर एक नागिन अब तक करीब 72 बार एक फौजी को डंस चुकी है। जिससे फौजी का जीना दुश्‍वार हो गया था। ये कोई मजाक नही, बल्कि सच है।


आइए जानें इस सांप और फौजी का पूरा मामला
बल्ह घाटी के ऊनांद गांव के रहने वाला यह फौजी इंद्र सिंह ऊर्फ ज्ञानू अब रिटायर हो चुका है। इंद्र ने बताया कि उन्हें सपने में पहले सांप दिखता था। बाद में उसे सपने में एक सुंदर लड़की दिखने लगी। वह लड़की उसे डराया करती थी और कहती थी कि वह जहां भी जाएगा, वह उसे जरूर काटेगी। सपने के हफ्ते बाद इंद्र को सांप ने डंस लिया। रिटायर फौजी इंद्र सिंह को साल में 3 से 4 बार पीड़ा झेलनी पड़ती थी। यह सिलसिला 1991 से शुरू हुआ और 2010 तक चलता रहा। वर्ष 1991 में पहली बार इंद्र सिंह को ड्यूटी के दौरान सांप ने डंसा। इसके बाद यूपी, पुंछ, राजौरी और किन्नौर समेत कई जगहों पर ड्यूटी के दौरान उन्हें दर्द झेलना पड़ा। लेकिन हर बार इंद्र सिंह की जान बचती रही।


एक बार फिर फैजाबाद में विषैले सांप ने जब इंद्र सिंह को डंसा तो इन्हें गंभीर हालत में आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया। शरीर में जहर इतना फैल गया कि बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। लेकिन जिंदगी मौत से जीत गई। माना जा रहा है कि इंद्र को डंसने वाली कोई ओर ही नहीं नागिन ही थी। इंद्र सिंह ने बताया की उन्हें एक बार करीब 10 फीट लम्बे जहरीले सांप ने काटा था | उनके पुरे शरीर में जहर फैल गया था। इसके बाद वे काफी लंबे इलाज के बाद ठीक हो पाए थे। उन्होंने बताया कि सांप ने उन्हें सोते समय के मुकाबले काम करते समय ज्यादा काटा है। उन्होंने बताया कि कई बार ऐसा भी हुआ है उनके बिस्तर में जाने से पहले ही सांप रजाई या तकिए के नीचे पहले से ही बैठा होता था और उन्हें अपना शिकार बनाता था।


अपनी ड्यूटी देने के बाद कमरे की तरफ लौटते हुए उन्हें दो सापों ने घेर लिया था। उनके फौजी साथियों की मदद से वे वहा से निकल पाए थे। इंद्र ने बताया कि 2010 में रिटायर होने के बाद थक हारकर वे नगवाईं के ज्वाला माता के गूर के पास पहुंचे। जहां इंद्र को उन्होंने अपने घर के समीप अपनी कुलदेवी का मंदिर बनवाने को कहा। इंद्र ने अपनी कुलदेवी नैना माता का मंदिर अपने घर के समीप बनाया। इसके बाद नागिन ने इंद्र को डंसना बंद कर दिया।