एक पल में उजड़ गई परिवार की खुशियां, भावुक कर देंगी हिमाचल के 'लाल' की तस्वीरें

Friday, Feb 15, 2019 - 04:59 PM (IST)

कांगड़ा: अचानक एक पल में हंसते खेलते परिवार की खुशियां उजड़ गई। बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए हिमाचल के लाल तिलक राज की यह तस्वीरें आपको भावुक कर देंगी। बेटे की शहादत की खबर से क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। हर तरफ शोक की लहर है। शहीद की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है।


उल्लेखनीय है कि पुलवामा में गुरुवार को एक बड़ा दर्दनाक हादसा हुआ। इस हमले में शहीद हुए 49 जवानों में से एक हिमाचल के कांगड़ा जिले का एक जवान तिलक राज भी इसमें शामिल था। जो इस दर्दनाक हादसे में शहीद हो गया।


हिमाचल के शहीद जवान के घर मातम पसरा हुआ है। ज्वाली की नाना पंचायत के धारकला गांव के शहीद जवान तिलक राज को ये आतंकी हमला ताउम्र ना भूलने वाला जख्म दे गया। 2 जून 1988 को कांगड़ा के ज्वाली के देवा गांव में जन्मे तिलक राज 26 मार्च 2011 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में भर्ती हुए थे।


पुलवामा हमले में पति शहीद की पत्नी अपने मासूम बेटे को गोद में लेकर बेसुध पड़ी हुई है। तिलक राज बेटे का नामकरण भी नहीं कर पाया और वतन के लिए कुर्बान हो गया।


तिलक राज की शहादत की खबर से हिमाचल प्रदेश के अलावा, कांगड़ा जिले और उनके पैतृक गांव के लोग सदमे में हैं। 32 साल के तिलक राज का शव शुक्रवार को घर पहुंचने की उम्मीद है। प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने तिलक राज के निधन पर शोक जताया है।


बता दें कि जनवरी के महीने में ही शहीद की पत्नी ने बेटे को जन्म दिया था। जिसके सिर से जन्म के 22 दिन के अंदर ही उसके पिता का साया उठ गया। चार दिन पहले 11 फरवरी को ही छुट्टियां काट कर तिलक राज ड्यूटी गया था। 


ज्वाली के देवा गांव निवासी शहीद तिलक राज शानू बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। तिलक वीर सैनिक के साथ-साथ लोक कलाकार भी था। उसको कबड्डी खेल में भी महारत हासिल थी। अक्सर ड्यूटी से छुट्टी आकर घर में पहाड़ी गानों की रिकॉर्डिंग करता था। ‘प्यारी मोनिका’ के अलावा, कई पहाड़ी गाने तिलक राज ने गाए हैं।


वीर जवान तिलक राज की शहादत के बाद गांव गम और आंसुओं के सैलाब में डूब गया। 15 दिन का मासूम बेटा बिलख रहा है। मां और पत्नी बेसुध हो गई हैं। 


प्रदेश सरकार ने मंत्री किशन कपूर और स्थानीय विधायक अर्जुन शिमला से ज्वाली शहीद जवान के घर उन्हें ढांढस बंधाने पहुंचे।

Ekta