सस्ती नहीं महंगी है शिमला से दिल्ली की ‘उड़ान’

Thursday, Feb 22, 2018 - 09:46 AM (IST)

शिमला: शिमला के समीप जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट से शिमला-नई दिल्ली के बीच जारी एयर इंडिया की फ्लाइट में सस्ती टिकट के लिए यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। आलम यह है कि आगामी 2 माह तक इस रूट पर सस्ती हवाई टिकट नहीं मिल रही है। एडवांस बुकिंग से ही हवाई टिकटें पहले ही बुक हो चुकी हैं, ऐसे में यदि किसी को शिमला-दिल्ली हवाई मार्ग से जाना है तो उसे महंगी टिकट लेनी पड़ रही है। स्थिति यह है कि आगामी 2 माह में केवल 17 अप्रैल को ही 2069 रुपए की सस्ती टिकट उपलब्ध हैं, जबकि अन्य दिनों में हवाई टिकट 18900 रुपए में ही मिल रही है। इसके अलावा नई दिल्ली से शिमला के लिए 7350 रुपए से लेकर 13650 रुपए तक की टिकटें ही उपलब्ध हैं। 


उड़ान योजना के तहत बीते वर्ष अप्रैल माह में शिमला से नई दिल्ली के बीच हवाई सेवा की शुरूआत की गई थी। 27 अप्रैल, 2017 को शिमला व नई दिल्ली के लिए हवाई सेवा शुरू की थी, जिसे बेहतरीन रिस्पांस भी मिल रहा है, लेकिन सस्ती टिकटों की संख्या सीमित होने के चलते बहुत कम यात्री कम किराए में शिमला से नई दिल्ली उड़ान भर पाते हैं। एडवांस बुकिंग से ही सस्ती टिकटें 2 माह तक की बुक हो गई हैं, ऐसे में यदि आगामी करीब 2 माह तक यदि किसी यात्री ने शिमला से नई दिल्ली हवाई मार्ग से जाना है तो उसे प्रति व्यक्ति 18900 रुपए टिकट पर खर्च करने होंगे। 


शिमला से नई दिल्ली और नई दिल्ली से शिमला के बीच जारी एयर इंडिया की फ्लाइट में सस्ती टिकट के लिए यात्रियों को लंबा इंतजार इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि उड़ान योजना के तहत शिमला से नई दिल्ली और नई दिल्ली से शिमला के लिए चल रही फ्लाइट में सस्ती सीटों की संख्या कम कर दी गई है। इसमें 15 सीटों में से 6 सीटों के लिए ही किराया 1920 रुपए निर्धारित है, जबकि शेष सीटों के लिए प्रति सीट करीब 7 हजार से 19 हजार रुपए निर्धारित किया है। सस्ती सीटों की संख्या बढ़ाने या फिर हवाई सेवा में विस्तार करते हुए और उड़ानें शुरू करने की मांग उठ रही है। 


हवाई सेवा में नहीं हुआ कोई विस्तार
उड़ान योजना के अंतर्गत दूसरे चरण में हिमाचल प्रदेश को कोई नई फ्लाइट नहीं मिली है। इस योजना के अंतर्गत दूसरे चरण में शिमला से नई दिल्ली के लिए जारी हवाई सेवा में विस्तार नहीं हुआ है। हिमाचल प्रदेश ने विभिन्न स्तर पर केंद्र सरकार के समक्ष हवाई सेवा में विस्तार किए जाने का मामला समय-समय पर उठाया है, लेकिन मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है।