हिमाचली सपूत 'प्रफुल्ल' की बहादुरी को PM ने किया सेल्यूट, राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार से नवाजा

Tuesday, Jan 24, 2017 - 10:06 AM (IST)

मंडी (पुरुषोत्तम): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 68वें गणतंत्र दिवस समारोह से पहले 23 जनवरी को राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार से हिमाचल से चयनित एकमात्र बहादुर बालक सरकाघाट के प्रफुल्ल को अलंकृत किया। अपनी बहादुरी की बेमिसाल इबारत लिख चुके 11 वर्षीय प्रफुल्ल को गत सप्ताह राजधानी में देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने सम्मानित किया है। इस समारोह की खास बात यह रही कि देश के 25 बहादुर बच्चों का सीधा संवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुआ। अपनी खुशी के पल सांझा करते हुए प्रफुल्ल शर्मा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समारोह के दौरान सीधा संवाद हुआ।


बहादुर बच्चों से मिलकर काफी अच्छा लगा: प्रधानमंत्री
देश के अलग-अलग हिस्सों से आए बहादुर बच्चों से मिलकर उन्हें भी काफी अच्छा लगा। प्रधानमंत्री ने बहादुरी के पराक्रम को पुन: दोहराने को लेकर उन्हें प्रेरित किया। इस पुरस्कार को हासिल करने पर बहादुर बच्चे को पढ़ाई में पूरी वित्तीय मदद मिलती है। साथ ही छात्रवृत्ति का भी प्रावधान होता है। राज्य सरकार चाहे तो अपने स्तर पर भी बहादुर प्रफुल्ल को प्रोत्साहित कर सकती है। इस मौके पर केंद्रीय व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी भी मौजूद थी। 


13 दिसंबर 2015 को हुआ था यह हादसा  
मंडी जिले के सरकाघाट स्थित बरछुआड़ निवासी प्रफुल्ल शर्मा (पौने 11 साल) अपने पिता के साथ कार और स्कूल बस में आते-जाते ब्रेक लगाते हुए देखता था, जिसके चलते करीब 20 बच्चों की जिंदगी बच गई थी। लॉटस कांन्वेंट पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 5वीं कक्षा में पढ़ने वाले प्रफुल्ल अपने स्कूल के बच्चों के साथ 13 दिसंबर 2015 को धर्मशाला पिकनिक पर गया था। 


2 मिनट में 20 बच्चों की बचाई थी जिंदगी 
प्रफुल्ल ने बताया कि शिवद्वाला में बस रूकी और कुछ बच्चे व शिक्षक नीचे उतर गए। इसी बीच एक शरारती बच्चे ने बस की ब्रेक खींच दी। अचानक बस पीछे खाई की ओर जाने लगी। बस पीछे चलने पर बच्चे चिल्लाने लगे, लेकिन शिक्षक व ड्राइवर दूर थे। प्रफुल्ल ने बताया कि मैंने पिता व ड्राइवर को ब्रेक खींचते देखने के आधार पर ब्रेक पर पैर रख दिया और चाबी घूमा दी। इसके चलते बस झटके से रूक गई। महज 2 मिनट में प्रफुल्ल ने करीब 20 बच्चों की जिंदगी बचाते हुए एक बड़ा हादसा होने से रोक दिया। यदि बस नहीं रुकती तो बस गहरी खाई में चली जाती और बहुत बड़ा हादसा हो सकता था।