72 साल बाद शिमला को मिली महिला SP, MLA को जड़ चुकी है तमाचा

Sunday, Jul 30, 2017 - 01:12 PM (IST)

शिमला: असल मायनों में देश की बागडोर उन अफसरों के हाथों में होती है, जो पूरी ईमानदारी से अपना फर्ज निभाते हैं। अगर नौकरशाही चुस्त-दुरुस्त रहे तो किसी भी देश की सरकारी कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार की आशंकाएं कम हो जाती हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण है आईपीएस अफसर सौम्या सांबशिवन। इनकी हिम्मत के किस्से आज भी मिसाल के तौर पर पेश किए जा रहे हैं।  


72 साल बाद राजधानी शिमला को मिली महिला SP
हिमाचल की राजधानी शिमला को 72 साल बाद पहली महिला एसपी मिली है। इन महिला एसपी का नाम है सौम्या सांबशिवन। जुलाई की शुरूआत में शिमला के कोटखाई में गुड़िया गैंगरेप-मर्डर केस के बाद सरकार ने कई पुलिस अधिकारियों का तबादला किया था। डीडब्ल्यू नेगी को एसपी पद से हटाते हुए 2010 बैच की आईपीएस अफसर सौम्या सांबशिवन को शिमला की नई एसपी बनाया गया।  


MBA कर चुकी हैं IPS सौम्या
बायो स्ट्रीम से ग्रेजुएट सौम्या एमबीए कर चुकी है। उन्होंने मल्टीनेशनल बैंक में भी नौकरी की है। वह लेखिका बनना चाहती थी। वह इससे पहले सिरमौर में बतौर एसपी तैनात थी। अब उनकी शिमला में बतौर एसपी में भी तैनाती हो चुकी है। सौम्या के बारे में कहा जाता है कि साल 2006 में एक प्रदर्शन के दौरान उन्होंने एक विधायक को उनके खराब बर्ताव के चलते थप्पड़ जड़ते हुए जेल भेज दिया था। उन्होंने कई ऐसी उपलब्धियों को हासिल किया है, जिससे हिमाचल पुलिस ने खूब सुर्खियां बटोरीं है। 


निडर अफसरों में होती है सौम्या की गिनती
आईपीएस सौम्या की गिनती राज्य के निडर अफसरों में होती है। सिरमौर में ड्रग्स, शराब और मानव तस्करी के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने का श्रेय इनको ही जाना जाता है। वहीं एसपी सिरमौर रहते हुए उन्होंने ब्लाइंड मर्डर के कई मामलों को भी बखूबी सुलझाया। 


लड़कियों को खास स्प्रे बनाने की देती है ट्रेनिंग
स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों से छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए सौम्या उनको खास तरह का स्प्रे बनाने की ट्रेनिंग भी देती है। मिर्च, रिफाइंड और नेल पेंट से बना यह स्प्रे मनचलों को सबक सिखाने के लिए काफी है। सौम्या को एक दबंग कॉप के रूप में जाना जाता है। मूल रूप से सौम्या केरल की रहने वाली है। वह अपने माता-पिता की इकलौती बेटी है। उनके पिता इंजीनियर थे।