PM नरेंद्र मोदी पहुंचेेंगे हिमाचल, मंडी को करेंगे स्वच्छता पुरस्कार से सम्मानित

Friday, Sep 30, 2016 - 10:20 AM (IST)

मंडी: पूरे देश में स्वच्छ घोषित मंडी जिला को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरस्कार हासिल होगा। इस पुरस्कार के हकदार बने डी.सी. मंडी संदीप कदम दिल्ली रवाना हो गए हैं और शुक्रवार को विज्ञान भवन में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की ओर से आयोजित होने वाले इंडोसन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरस्कार प्राप्त करेंगे।

इस बारे सूचना डी.सी. मंडी को एक दिन पूर्व ही मिली है जिसकी पुष्टि स्वयं डी.सी. मंडी संदीप कदम ने की है। उनके मुताबिक एक सर्वे में देश का सबसे स्वच्छ जिला (ग्रामीण) मंडी घोषित किया गया है और अब प्रधानमंत्री के हाथों पुरस्कार के लिए उन्हें निमंत्रण मिला है। खास बात यह है कि इस पुरस्कार वितरण समारोह के लिए हाल ही में पी.एम.ओ. के निर्देश पर मंडी आई एक टीम ने ड्रोन कैमरा की सहायता से डाक्यूमैंट्री तैयार की है जिसे प्रथम पुरस्कार देने के समय प्रेरक सफलता की कहानी के रूप में दिखाया जाएगा और स्वयं प्रधानमंत्री इसे लांच भी करेंगे।

ड्रोन वीडियो कैमरा की सहायता से बनी इस डाक्यूमैंट्री में करसोग के चिंडी में सूर्य अस्त व उदय के शॉट और माहूनाग की एक अनपढ़ महिला तवारसू देवी व डी.सी. संदीप कदम का साक्षात्कार लिया गया है। बता दें कि पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय भारत सरकार ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2016 की रिपोर्ट में मंडी को देश का सबसे स्वच्छ जिला घोषित किया है। मंत्रालय ने क्वालिटी कौंसिल ऑफ इंडिया नाम की संस्था के माध्यम से सर्वेक्षण कराया था जिसकी रिपोर्ट के अनुसार मंडी (ग्रामीण) जिला को देश का सबसे स्वच्छ जिला पाया गया और अब यह जिला पुरस्कार का हकदार बन गया है।

बताया जा रहा है कि कार्यक्रम में कुल 11 पुरस्कार मिलेंगे जिसमें मंडी पहले स्थान पर है जबकि रैंकिंग में शिमला तीसरे, हमीरपुर 3वें और कुल्लू 7वें पायदान पर है। राज्यवार रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश चौथे स्थान पर स्वच्छ राज्य आंका गया है। खास बात यह है कि इस प्रथम पुरस्कार के पीछे डी.सी. संदीप कदम द्वारा चलाए मंडी विकास अभियान के तहत हुए काम का मूल्यांकन है जिसकी मंत्रालय ने अपनी वैबसाइट में प्रशंसा की है और माहुनाग की एक अनपढ़ महिला के अनुभवों को सांझा किया गया है कि उसके पति की मौत शराब पीने से 12 वर्ष पहले हुई और उससे उसका परिवार घोर गरीबी के संकट में डूब गया लेकिन वह जैसे ही मंडी विकास अभियान से जुड़ी तो उसने सबसे पहले पंचायत के आसपास फैले प्लास्टिक के कचरे को एकत्र किया और आय कमाई जिससे उसके स्कूल छोड़ चुके बच्चे की पढ़ाई का खर्चा निकला और उन्होंने स्वच्छता अभियान से जुड़कर लोगों को स्वच्छता के प्रति असख जगाई।