वल्लभ कालेज में प्लैटिनम जुबली आज, पुराने छात्र के नाते सम्मानित होंगे सी.एम.

Monday, Sep 10, 2018 - 05:52 PM (IST)

मंडी: वल्लभ महाविद्यालय के 70 साल पूरे होने पर आज प्लैटिनम जुबली समारोह मनाया जा रहा है, जिसमें वह पूर्व छात्र बतौर मुख्यातिथि पधार रहा है जो पहले कभी यहां छात्र राजनीति में सक्रिय होकर टाट-पट्टी बिछाने और खाली समय में मामू ढाबे में चाय बनाने का काम करता था। यह छात्र कोई और नहीं आज सूबे के मुखिया जयराम ठाकुर हैं जो मुख्यमंत्री बनने के बाद बतौर मुख्यातिथि पहली बार अपने पुराने कालेज में पधार रहे हैं। न्यू हिमाचल के सबसे पुराने कालेज में शुमार मंडी महाविद्यालय 1948 में 70 विद्यार्थियों के पहले बैच के साथ शुरू किया गया था जिसमें तब पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री पंडित सुखराम रोल नंबर 2 थे और इसी बैच के विद्यार्थी थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मंडी कालेज में छात्र नेता के रूप में पहचान मिली थी और आज वह प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। मंडी महाविद्यालय में उनके सीनियर रहे प्रियव्रत शर्मा के साथ उन्होंने कालेज राजनीति में कदम रखा और आज वह देश की राजनीतिक हस्तियों में एक बड़ा चेहरा हैं। इसके साथ ही इसी कालेज में कारगिल वार हीरो सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर सहित कई विद्यार्थी यहां से पढ़ाई कर बतौर आई.ए.एस. व आई.पी.एस. बन कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।


कालेज मुख्यमंत्री के आने को लेकर तैयारियों में जुटा
कालेज प्रशासन द्वारा पहले बैच के 70 लोगों में से 2 लोगों की जानकारी मिली, जिन्हें सम्मानित किया जाना था लेकिन यहां उपलब्ध न होने के कारण उन्हें अब सम्मानित नहीं किया जा रहा है। वल्लभ कालेज मुख्यमंत्री के आने को लेकर तैयारियों में जुटा है। महाविद्यालय में आज तक रहे सभी प्राचार्य को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। इसके साथ ही कार्यक्रम में ओल्ड स्टूडैंट एसोसिएशन द्वारा भी मुख्यमंत्री को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही ओल्ड स्टूडैंट एसोसिएशन द्वारा कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे।


यह कहना है प्राचार्य मंडी वल्लभ महाविद्यालय डा. अशोक अवस्थी का  
कालेज प्रशासन द्वारा प्लैटिनम जुबली की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि प्लैटिनम जुबली में इसी महाविद्यालय से निकले विद्यार्थी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। इस महाविद्यालय से अनेक ऐसी विभूतियां निकली हैं जो आज बड़े-बड़े औहदों पर सेवाएं दे रही हैं।

 

Kuldeep