पर्यावरण से छेड़छाड़ किए बिना बिजली पैदा करेंगे IIT के ये छात्र

Thursday, Jun 09, 2016 - 10:01 AM (IST)

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) के विशेषज्ञ बिना पर्यावरण से छेड़छाड़ किए बिजली तैयार करने की सरकार की योजना को पूरा करेंगे। आई.आई.टी. में ईको फ्रेंडली स्माल हाइड्रो प्रोजेक्ट रायसन का मॉडल तैयार किया जाएगा।


ब्यास, रावी और पब्बर नदियों पर 22 ईको फ्रेंडली स्माल हाइड्रो प्रोजेक्ट बनाए जाने प्रस्तावित हैं। जानकारी के मुताबिक आई.आई.टी. प्रबंधन ने बोर्ड को मॉडल तैयार करने को फंड उपलब्ध करवाने की शर्त पर मंजूर कर ली है। इससे जल्द प्रदेश के पर्यावरण से छेड़छाड़ किए बिना बिजली उत्पादन करने वाला देश का पहला राज्य बनने की उम्मीद है। विद्युत बोर्ड ने नवीन एवं नवीनीकरण मंत्रालय भारत सरकार (एम.एन.आर.ई.) को ईको फ्रेंडली स्माल हाइड्रो प्रोजेक्ट रायसन का मॉडल के लिए फंड जारी करने को प्रस्ताव भेजा है।


आई.आई.टी. में बनेगा प्रोजेक्ट का हूबहू मॉडल
बताया जा रहा है कि देश में ईको फ्रेंडली तकनीक से पहली बार बिजली तैयार की जा रही है। नदियों के बीच प्राकृतिक रूप से बने भू-खंडों में सुरक्षित प्रोजेक्ट तैयार करना अपने आप में एक चुनौती है। मॉडल में नदियों के बने प्राकृतिक भू-खंडों जैसी परिस्थितियां तैयार की जाएंगी।


ब्यास नदी पर कलाथ में 15,15 मील-1 में 11, 15 मील-2 में 10, कटराईं-1 में 21, कटराईं-2 में 13, रायसन-1 में 18, रायसन-2 में 22, रायसन-3 में 16, वावेली में 10, ढालपुर में 10, बजौरा-1 में 15, बजौरा-2 में 10 मेगावाट के प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं। आई.आई.टी. मंडी के निदेशक ने ईको फ्रेंडली प्रोजेक्टों के मॉडल तैयार करने को विशेषज्ञ मदद देने के सहमति जताई है। आई.आई.टी. में प्रोजेक्ट का मॉडल तैयार किया जाएगा। इसके लिए फंड उपलब्ध करवाने को नवीन एवं नवीनीकरण मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है।