यहां नन्हे हाथों ने किताब की जगह पकड़ा कटोरा

Saturday, Oct 22, 2016 - 11:22 AM (IST)

मंडी: सरकार ने सभी बच्चों को शिक्षा मुहैया करवाने के लिए शिक्षा का अधिकार कानून बनाया है ताकि कोई भी बच्चा बेसिक शिक्षा से वंचित न हो सके। इस कानून में 6-14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया गया है बावजूद इसके बहुत से बच्चे शहरों में हाथ में कटोरा लिए भीख मांगते देखे जा रहे हैं। इससे एक ओर आर.टी.ई. कानून तो दूसरी ओर सरकार व प्रशासनिक व्यवस्था की भी पोल खुल रही है। प्रदेश के विभिन्न भागों सहित मंडी जिला के मंडी, सुंदरनगर, जोगिंद्रनगर, धर्मपुर व सरकाघाट सहित प्रदेश के विभिन्न जगहों पर बहुत से प्रवासी लोगों के बच्चे अक्सर हाथ में कटोरा लिए भीख मांगते देखे जाते हैं। 


शनिवार को बन जाते हैं शनिदेव
ये बच्चे प्रवासी लोगों के होते हैं जो प्रत्येक सप्ताह शनिवार को पैसे के जुगाड़ के लिए काले वस्त्र धारण कर शनिदेव बन जाते हैं तथा हाथ में तेल का कटोरा लिए लोगों से भीख मांगते फिरते हैं। अगर कोई इन्हें भीख में पैसे न दे तो वे छीना-झपटी पर भी उतर आते हैं, वहीं कभी-कभी इनके अभिभावक इनसे कूड़ा व कबाड़ उठाकर मेहनत करवाते हैं।


इनके लिए बने शैल्टर होम
प्यार, दुलार एवं शिक्षा के हकदार उक्त बच्चे जाने-अनजाने में चोरी-डकैती जैसे समाज विरोधी कार्य को अंजाम देते हैं तथा अपना जीवन बर्बाद कर देते हैं। सरकार को चाहिए कि उक्त बच्चों की शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को आगे आकर शैक्षणिक विकास व खाने-पीने की जरूरतों को पूरा करने के लिए शहर में शैल्टर होम बनाए ताकि इन बच्चों का शैक्षणिक व मानसिक विकास तथा बाल मजदूरी एवं भीक्षावृत्ति जैसे अपराधों का समाज से खात्मे सहित समाज के विकास में वे अपनी भूमिका निभा सकें।