अब अस्पताल से रैफर नहीं होंगे डिलीवरी केस

Wednesday, Jan 17, 2018 - 04:01 PM (IST)

कुल्लू: क्षेत्रीय अस्पताल में लंबे समय से स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद रिक्त चल रहे हैं। महिला मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रसूति के लिए आई महिलाओं को निजी अस्पताल का रुख करना पड़ता है, जहां उन्हें भारी-भरकम रकम खर्च करनी पड़ती थी। लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा गर्भवती महिलाओं को इधर-उधर भटकना न पड़े, इसके लिए विशेष सुविधा की गई है। अस्पताल प्रबंधन के प्रयासों के बाद अब आपातकाल में गर्भवती महिलाओं को न ही रैफर किया जाएगा और न ही उन्हें निजी अस्पताल की शरण में जाना पड़ेगा।


क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में प्रबंधन द्वारा आलाधिकारियों के साथ बातचीत करके निजी अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ के साथ एम.ओ.यू. साइन किया गया है। इसके बाद अस्पताल में प्रसूति के लिए आईं महिलाओं को आपातकाल में आवश्यकता पड़ने पर तुरंत निजी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर को अस्पताल में सेवाएं देने के लिए बुला लिया जाता है। कुल्लू अस्पताल में प्रबंधन द्वारा प्रसूति वार्ड में प्रसूति के लिए दाई व प्रशिक्षित नर्सों की व्यवस्था की गई है। यह सारी व्यवस्था प्रबंधन द्वारा स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी के मद्देनजर की गई है।


क्या कहते हैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी 
प्रबंधन द्वारा स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को लेकर बातचीत की गई। नैशनल हैल्थ मिशन के अंतर्गत यह स्कीम शुरू की गई है। इसमें 3 हजार रुपए प्रसूति के आप्रेशन के लिए तथा 1500 रुपए उस प्रसूति के लिए निजी डॉक्टर को देने का प्रावधान है जिसमें बच्चा होते समय कोई परेशानी सामने आ रही हो। यह राशि नैशनल हैल्थ मिशन के अंतर्गत खर्च की जाती है। डॉक्टर द्वारा ली जा रही सेवाओं पर होने वाले खर्च को गर्भवती महिला से नहीं लिया जाता है। दवाई व अन्य खर्च भी नि:शुल्क रहते हैं। दिन के समय गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए 2 महिला डाक्टर ओ.पी.डी. में तैनात की गई हैं जो महिलाओं की जांच करती हैं और वार्ड का राऊंड भी करती हैं।