थर्मल प्लांट बंद करने के मामले में कर्मचारियों के निशाने पर वित्त मंत्री मनप्रीत बादल

punjabkesari.in Friday, Dec 22, 2017 - 03:35 PM (IST)

बठिंडाःगुरु नानक देव थर्मल प्लांट को बंद करने का मामला काफी गरमा गया है। इस मामले को लेकर जहां कांग्रेस सरकार की वायदा पूरा न करने को लेकर काफी किरकिरी हुई है।

वहीं थर्मल प्लांट के कर्मचारियों ने वित्त मंत्री को निशाने पर लेते कहा कि मनप्रीत बादल वोटें तो बटोर कर ले गए परन्तु थर्मल प्लांट को बंद होने से न बचा सके। उल्लेखनीय है कि विधानसभा मतदान के दौरान मनप्रीत बादल ने थर्मल प्लांट चालू रखने का वायदा जनता के साथ किया था। अब उनकी सरकार ने इसको बंद करने का फैसला किया है। इस कारण बठिंडा के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। 

नवंबर 1969 में रखी गई थी थर्मल प्लांट की नींव
जानकारी के अनुसार 19 नवंबर 1969 को श्री गुरु नानक देव जी के 500वें प्रकाशोत्सव पर इस थर्मल प्लांट की नींव रखी गई थी। वर्ष 1974 में पहली यूनिट 1975 में, दूसरी यूनिट, 1978 में तीसरी और 1979 में चौथी यूनिट की शुरूआत की गई थी। समय सीमा पार कर चुके थर्मल पलांट को बचाने के लिए पिछली अकाली-भाजपा सरकार  2012 से 2014 तक 716 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।

इस थर्मल प्लांट के कारण इसमें काम कर रहे 5000 लोगों का घर चलता था, परन्तु थर्मल प्लांट बंद होने के कारण यह सभी कर्मचारी अपने परिवारों सहित सड़क पर आ जाएंगे।  गुरु नानक देव थर्मल प्लांट बंद होने से मुलाजिमों के साथ-साथ कई उद्योग और सरकारी विभागों पर भी प्रभाव पड़ेगा।   सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने बठिंडा थर्मल को इस लिए बंद किया है कि एक तो थर्मल प्लांट समय सीमा पार कर चुका है।दूसरा इस थर्मल पलांट से बिजली उत्पादन सरकार को महंगा पड़ रहा है।   


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