ठगी का शिकार हो रहे आईलैट्स के विद्यार्थी

Sunday, Nov 19, 2017 - 05:10 PM (IST)

बठिंडा(विजय): बेशक पंजाब पुलिस ने गैंगस्टरों पर नकेल कसी है, इसके बावजूद गैंगस्टरों की धमकियों के आगे व्यापारी वर्ग झुका हुआ है, जान बचाने के नाम पर हफ्ता दिया है। ऐसा ही एक मामला बठिंडा में आईलैट्स सैंटर चलाने वाली महिला संचालिका के साथ हुआ जिसे यहां के कथित गैंगस्टर ने धमकी देकर पैसों की वसूली की व उसे अपना कोङ्क्षचग सैंटर बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

महिला का आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि उस पर भी बच्चों से पेपर दिलवाने के नाम पर ठगी के आरोप लगे। बङ्क्षठडा में 2 स्ट्डी आईलैट्स सैंटर चलाने वाली महिला भाविका शर्मा ने बताया कि उसका कोचिंग सैंटर का धंधा ठीक चल रहा था। इसी दौरान उसने टोफल की परीक्षा के लिए 3 बच्चों के  पेपर दिलवाए जिनमें से एक का सिलैक्शन भी हुआ। 

इसी मामले में वह पेपर दिलवाने के लिए चंडीगढ़ गई थी वहां उसकी मुलाकात मनप्रीत नाम के एक व्यक्ति से हुई जिसने संचालिका को लालच दिया कि वह आईलैट्स का पेपर पहले ही लीक करवा देंगे और बच्चों को अच्छे बैंड आएंगे। महिला संचालिका मनप्रीत के झांसे में आ गई और उसने आईलैट्स कर रहे विद्याॢथयों से 1 से 3 लाख रुपए केवल प्रश्न-पत्र लीक करने के नाम पर एकत्र कर लिए। 21 जनवरी 2016 को आईलैट्स का पेपर था जबकि उसका प्रश्न-पत्र 20 जनवरी को उक्त आरोपियों ने संचालिका को लगभग साढ़े 10 लाख रुपए में बेच दिया। 

21 जनवरी को जब बच्चे पेपर देने पहुंचे तो वहीं पेपर था जो उन्हें 20 को मिला जिससे वे सभी खुश हुए। दुर्भाग्य यह रहा कि एक बच्चा जिससे पैसे लिए थे उसके केवल 5 बैंड ही रह गए। तब उसने संचालिका से पैसे वापस करने की मांग की। इसी तरह लगभग 3 पेपर आईलैट्स के लीक हुए जो बच्चों को दिए गए। लेकिन इसमें से कुछ बच्चे ही उत्तीर्ण हुए और शेष बच्चों ने अपने पैसे मांगने शुरू कर दिए। 

जब संचालिका ने मनप्रीत से अपने पैसे वापस मांगे तो उसने पैसे देने की बजाय संचालिका के घर पर गैंगस्टर भेज दिए जिन्होंने संचालिका से 4 लाख रुपए की मांग की और कहा कि नाभा जेल से उनके कुछ साथी भाग गए हैं उन्हें हथियार देने हैं। संचालिका ने डरते हुए उन्हें 3 लाख रुपए दे दिए। कुछ दिन बाद गैंगस्टर के भाई का फोन आया कि अगर उसने पैसे न दिए तो उसके बच्चे उठा लिए जाएंगे। इस धमकी से डरकर मई 2017 में उक्त संचालिका ने आनन-फानन में अपना सैंटर बंद कर बङ्क्षठडा छोड़ दिया और चंडीगढ़ चली गई, जिससे कई छात्र ठगी का शिकार हुए हैं।