केरल हिंसा पर एबीवीपी का शिमला में जोरदार प्रदर्शन

Saturday, Nov 11, 2017 - 05:27 PM (IST)

शिमला: केरल में हो रही हिंसा के खिलाफ एबीवीपी ने जहां केरल में विरोध प्रदर्शन किया, वहीं देश के अन्य हिस्सों में भी धरने प्रदर्शन किए गए। केरल में आज पचास हज़ार एवीबीपी कार्यकर्ता विरोध जता रहे हैं। शिमला में भी एवीबीपी कार्यकर्ताओं ने केरल सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की। एवीबीपी का आरोप है कि केरल में लगातार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है।

निर्दोष लोगों को बनाया जा रहा निशाना
केरल में अभी तक 268 लोग हिंसा में मारे जा चुके हैं। केरल वामपंथी हिंसा के लिए बदनाम है, लेकिन पिछले कुछ समय में हिंसक घटनाओं में चिंतित करने वाली वृद्धि हुई है। खासकर जब से केरल में माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सरकार आई है, तबसे राष्ट्रीय विचार से जुड़े निर्दोष लोगों और उनके परिवारों को सुनियोजित ढंग से निशाना बनाया जा रहा है। 

माकपा के नेताओं की संलिप्तता उजागर
एवीबीपी के शिमला अध्यक्ष ललित ठाकुर का कहना है कि प्रदेश में माक्र्सवादी हिंसा को मुख्यमंत्री पी. विजयन का संरक्षण प्राप्त है। अब तक की घटनाओं में स्पष्ट तौर पर माकपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं की संलिप्तता उजागर हुई है, लेकिन, राज्य सरकार ने हिंसा को रोकने के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाए हैं, बल्कि घटनाओं की लीपापोती करने का प्रयास जरूर किया है। इसलिए मुख्यमंत्री पी. विजयन सहित समूची माकपा सरकार संदेह के घेरे में है।

कम्युनिस्ट पार्टियों ने फैलाई असहिष्णता
कम्युनिस्ट पार्टियों ने रूस से लेकर चीन, पूर्वी यूरोपीय देशों, कोरिया और क्यूबा से लेकर भारत के लाल गलियारों में घोर असहिष्णता का प्रकटीकरण किया है। वामपंथी विचार को थोपने के लिए अन्य विचार के लोगों की राजनीतिक हत्याएं करने में कम्युनिस्ट कुख्यात हैं। भारत में पश्चिम बंगाल इस प्रवृत्ति का गवाह है और अब केरल में यह दिख रही है। केरल में वामपंथी विचारधारा से शिक्षित माकपा के लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी से संबंध रखने वाले लोगों की जिस क्रूरता से हत्या कर रहे हैं, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।