महेश्वर का पलटवार, अपनी कुलदेवी का खर्च भी नहीं उठा पाए वीरभद्र
punjabkesari.in Tuesday, Sep 13, 2016 - 05:07 PM (IST)

कुल्लू (मनमिंदर अरोड़ा): कुल्लू के रघुनाथ मंदिर के अधिग्रहण को लेकर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और रघुनाथ के छड़ीवदार महेश्वर सिंह के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है। जानकारी के मुताबिक महेश्वर सिंह ने आज कुल्लू में एक पत्रकार वार्ता कर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर पलटवार किया है। महेश्वर सिंह ने कहा कि रघुनाथ मंदिर के अधिग्रहण का मामला अभी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
बताया जा रहा है कि इस विषय पर मुख्यमंत्री के द्वारा की गई टिप्पणी न्यायालय की अवहेलना है। उन्होंने कहा कि इस विधि में जब तक न्यायालया का कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक मुख्यमत्री को कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। गौर रहे कि सोमवार को कुल्लू के बंजार में एक उद्घाटन समारोह के अवसर पर वीरभद्र सिंह ने भरी जनसभा में रघुनाथ मंदिर किसी की निजी संपत्ति न बताकर इसे सार्वजानिक संपत्ति कहा है। महेश्वर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंदिर को लेकर की गई सारी कार्रवाई द्वेषपूर्ण है और राजनीति से प्रेरित है।
उन्होंने कहा कि वह अपने को राजा नहीं कहते हैं। उनके पूर्वजों ने कुल्लू में रघुनाथ जी के आने के बाद खुद को उनका सेवक माना है। साथ ही महेश्वर सिंह ने मुख्यमत्री के गृह क्षेत्र रामपुर स्थित भीमकाली मंदिर व अन्य दो मंदिरों की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपने कुलदेवी का खर्चा वहन नहीं कर सके और इसे ट्रस्ट बनाकर सरकार के हवाले कर दिया। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में जाने के बाद इस ट्रस्ट के लिए हर साल 8 से 9 लाख रुपए सरकार के खर्च होते हैं।