अनूठी परंपरा: इस गांव में सिगरेट पीना तो दूर, छूने की भी है मनाही

Saturday, May 21, 2016 - 05:00 PM (IST)

कुल्लू: हिमाचल में एक ऐसा गांव है जहां सिगरेट पीना तो दूर इसे छूने की भी मनाही है। आपको बता दें कि यह परंपरा कुल्लू जिले की लगघाटी के ग्रामीण क्षेत्रों में सदियों से चली आ रही है। देव आदेश के चलते घाटी की एक दर्जन पंचायतों में बीड़ी-सिगरेट का प्रवेश की मनाही है। यहां के लोग तंबाकू और गुटका आदि का सेवन भी नहीं करते। माना जाता है कि बीड़ी और सिगरेट पीने और पिलाने वालों को देव प्रकोप झेलना पड़ता है।


भल्याणी गांव के भगवान श्रीकृष्ण के कारदार रूम सिंह नेगी की मानें तो यहां के लोग देव आस्था रखते हैं। कहा जाता है कि देवता ने सदियों से बीड़ी-सिगरेट के सेवन पर रोक लगाई है। ग्रामीण बस्तियों में इनके प्रवेश पर भी रोक है। देव आस्था के चलते लोग इनका सेवन भी नहीं करते। लगघाटी के भल्याणी, जठाणी, खारका, तिउन, भुट्ठी, समालंग, कालंग और शालंग सहित दर्जनों गांवों में धूम्रपान के सेवन और प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध है।


मदिरापान पर नहीं मनाही

जठाणी निवासी जगदीश ठाकुर, भल्याणी निवासी किरपा राम बताते हैं कि लगघाटी के अधिकांश गांवों में धूम्रपान की मनाही है। गांव में इसका प्रवेश भी वर्जित है। देव आस्था के चलते लोग इसके सेवन से कतराते हैं। देव कारदार रूम सिंह ने कहा कि भले ही सरकार देश की जनता को धूम्रपान को छोड़ने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर जागरूक कर रही है, लेकिन यहां के लोग सदियों से बीड़ी-सिगरेट, तंबाकू और गुटका का सेवन नहीं करते। घाटी के पारंपरिक मेलों और त्योहारों में मेहमानों को मदिरा परोसी जाती है। अनाज से तैयार होने वाली सुरा को खास मौकों पर देवता को चढ़ाया जाता है।