कहां उड़ेंगे, अभी तक तय नहीं कर पाई सरकार

Wednesday, Oct 05, 2016 - 02:08 PM (IST)

कुल्लू: कुल्लू में साहसिक खेलों से जुड़े खेल प्रेमियों को अभी तक पैराग्लाइडिंग के लिए सोलंगनाला के अलावा कोई अन्य जगह नहीं मिल पाई है। जिससे बाहरी राज्यों सहित प्रदेश के पैराग्लाइडिंग का शौक रखने वाले खिलाड़ियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। कुल्लू में साहसिक खेलों व पर्यटन कारोबार को बढ़ावा देने के मकसद से जिला पर्यटन विकास विभाग द्वारा 4 नई जगहों को चयनित किया गया था लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार द्वारा उन जगहों को मंजूरी नहीं मिल पाई है। 


पर्यटन विकास विभाग द्वारा बेतहर जगह के चयन के लिए पर्वतारोहण संस्थान के साथ मिलकर एक तकनीकी कमेटी का गठन किया गया था। तकनीकी कमेटी द्वारा जिला कुल्लू के विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया और वहां सूरज की रोशनी व हवा सहित अन्य दिक्कतों को जाना गया। तकनीकी कमेटी द्वारा जिला कुल्लू के तलोगी, बबेली व मनाली के मढ़ी व बुरुआ में पैराग्लाइडिंग के लिए जगहों का चयन किया था और उसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को मंजूरी के लिए भेजी थी लेकिन 4 माह बीत जाने के बाद भी उक्त जगहों को अनुमति नहीं मिल पाई है। घाटी के पर्यटन कारोबारी विवेक शर्मा, नवनीत, रमेश कुमार, किशन ठाकुर, लाल चंद, प्रेम सिंह, दुष्यंत व शिवा ने बताया कि जिला कुल्लू के मणिकर्ण, गड़सा व बंजार में हर साल सैंकड़ों पर्यटक साहसिक खेलों मे भाग लेने की उम्मीद से आते हैं। 


पर्यटकों को रिवर राफ्टिंग का लुत्फ तो पिरड़ी, बबेली व भुंतर सहित अन्य जगहों पर मिल जाता है लेकिन पैराग्लाइडिंग के लिए उन्हें मनाली के सोलंगनाला का रुख करना पड़ता है। जिस कारण जिला कुल्लू के निचले क्षेत्रों का पर्यटन कारोबार प्रभावित हो रहा है, वहीं कई बार ट्रैफिक जाम सहित अन्य स्थिति के कारण पर्यटक सोलंगनाला ही नहीं पहुंच पाता है और उन्हे पैराग्लाइडिंग किए बिना ही वापस लौटना पड़ता है। पर्यटन कारोबारियों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि घाटी के पर्यटन कारोबार को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द चयनित जगहों पर भी पैराग्लाइडिंग करने की अनुमति दी जाए ताकि पर्यटन कारोबार से जुड़े स्थानीय लोगों को लाभ मिल सके।