इस तरह जान हथेली पर रखकर नदी पार करते हैं लोग, अब राहत मिलने की उम्मीद

Saturday, Sep 24, 2016 - 01:47 PM (IST)

उदयपुर: लाहौल-स्पीति की पट्टन घाटी में चिनाब नदी की जटिल परिस्थितियों से जूझ रहे त्रिलोकीनाथ क्षेत्र के लोगों का जोखिमपूर्ण सफर अब आसान होने वाला है। कई पीढ़ियों से रस्सियों पर लटकते हुए झूले से नदी को पार करते आ रहे लोगों का खतरनाक सफर अब आसान होने जा रहा है। काफी जद्दोजहद के बाद अब चिनाब नदी में बन रहे लोबर पुल का निर्माण आखिरी चरण पर पहुंचने लगा है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार पुल का निर्माण कार्य इस साल के अंत तक पूरा कर दिया जाएगा।


उदयपुर में लोबर पुल यातायात के लिए बहाल होते ही शीत मरुस्थल के मूरिंग, बिहाली, किशोरी, त्रिलोकीनाथ, बरदंग, शकोली व लोबर गांव सीधे उपमंडल मुख्यालय उदयपुर से जुड़ेंगे। वहीं त्रिलोकीनाथ में भगवान शिव और उदयपुर में देवी महाकाली मृकुला के दर पर हाजिरी भरने आने वाले देश भर के श्रद्धालुओं को भी सहूलियत होगी। पुल के बन जाने से त्रिलोकीनाथ धाम के बाद उदयपुर में देवी मृकुला के मंदिर तक जाने के लिए उनका सफर भी कम हो जाएगा। गौरतलब है कि लोबर पुल काफी समय से निर्माणाधीन है।


विवादों में रहने के बाद इस पुल के निर्माण में आई तेजी को देखते हुए क्षेत्र के लोग खासे उत्साहित है लेकिन चिनाब में झूले की दुर्घटनाओं को भी लोग भूले नहीं हैं। झूले के पलटने के कारण नदी में गिरने वाले लोगों की याद में स्मारक भी बनाया गया है, वहीं कई लोगों की अंगुलियां भी झूला पुल की गरारी के बीच आने से कट गई है। अब जैसे ही पुल पर आवाजाही शुरू होगी तो झूले के जोखिम से लोगों को निजात मिल जाएगी। इस पुल के बनते ही त्रिलोकीनाथ से उदयपुर की दूरी करीब 10 किलोमीटर कम हो जाएगी। 


युद्धस्तर पर चल रहा लोबर पुल का काम
लोक निर्माण विभाग उदयपुर के एक्सियन अनिल परमार ने कहा कि लोबर पुल का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। बर्फबारी होने पर निर्माण कार्य प्रभावित न हो इसलिए विभाग ने इसी सीजन में पुल को लांच करने की रूपरेखा बनाई है। हालांकि यातायात के लिए यह पुल अगले साल ही खुल सकेगा।