तस्वीरों में देखिए, नवरात्रों में भी इस मंदिर में होती है राक्षसी की पूजा

Saturday, Oct 01, 2016 - 05:17 PM (IST)

कुल्लू: हिमाचल में स्थापित प्राचीन मंदिर व धार्मिक परम्पराएं हमेशा ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। बताया जा रहा है कि हिमाचल में मनाली में हिडिम्बा जी का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। कुल्लू राजवंश के लोग इन्हें देवी के रूप में पूजते हैं। मनाली आने वाले पर्यटक इस मंदिर की खूबसूरती को देखने के लिए आते रहते हैं। इस मंदिर की कहानी बड़ी रोचक है। ऐसी मान्यता है कि हिडिम्बा एक राक्षसी थी, जिसका राज मनाली के आसपास पूरे इलाके में चलता था। नवरात्र के दौरान इस मंदिर में काफी भीड़ होती है।


पांडव भाइयों में भीम से कर ली थी शादी
लोगों का कहना है कि हिडिम्बा ने महाभारत काल में पांडवों में सबसे बलशाली भीम से शादी की थी। हिडिम्बा ने प्रण लिया था कि जो उसके भाई हिडिम्ब को युद्ध में मात देगा वह उसी से शादी करेगी। अज्ञातवास के दौरान पांडव मनाली के जंगलों में भी आए थे। यहां राक्षस हिडिम्ब से भीम का युद्ध हुआ था। भीम ने हिडिम्ब को युद्ध में हराकर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद हिडिम्बा ने भीम से शादी की थी। महाभारत के युद्ध में घटोत्कच का नाम आता है। यहां के लोककथाओं के अनुसार वो हिडिम्बा का ही बेटा था। मां के आदेश पर घटोत्कच ने युद्ध में अपनी जान देकर कर्ण के बाण से अर्जुन की जान बचाई थी। तब से यहां के लोग हिडिम्ब राक्षसी की ही लोग पूजा करने लगे थे। 


कुल्लू के पहले राजा को दिलाई थी राजगद्दी
कहा जाता है कि कुल्लू के विहंगम दास नाम का शख्स एक कुम्हार के यहां नौकरी करता था। हिडिम्ब देवी ने विहंगम को सपने में दर्शन दिया था। उन्होंने उसे कुल्लू का राजा बनने का आशीर्वाद दिया था। वे कुल्लू राजघराने के पहले राजा माना जाते हैं। नवरात्र के समय इनके वंशज आज भी हिडिम्ब देवी की पूजा करते हैं। खास बात यह है कि हिडिम्ब देवी मंदिर चारों ओर से देवदार के घने पेड़ों के बीच बना हुआ है। 40 मीटर ऊंचे इस मंदिर का निर्माण केवल लकड़ी से किया गया है। बता दें कि मनाली शहर से इसकी दूरी करीब 1 किमी पर है।