सरकार! कुल्लू में बिना शौचालय हैं 1473 परिवार

Sunday, Sep 25, 2016 - 01:37 AM (IST)

कुल्लू: पर्यटन नगरी कुल्लू-मनाली में कुछ चीजें ग्रहण की तरह लग गई हैं। यहां बढ़ते भिखारी पर्यटन पर कलंक हैं वहीं 1473 परिवार अभी भी खुले में शौच कर घाटी की आवोहवा को प्रदूषित कर रहे हैं, ऐसे में पर्यटन विकास की बातें बेमानी हैं।  स्वच्छता की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम जिला कुल्लू में पूरी नहीं हो पाई है।


जिला कुल्लू के कई घर अभी तक खुला शौच मुक्त नहीं हो पाए हैं। हालांकि पहले इस अभियान की डैड लाइन 31 अगस्त रखी गई थी लेकिन अब इसे 2 अक्तूबर तक बढ़ा दिया गया है। दशहरा उत्सव के नजदीक आते ही ढालपुर में कई बच्चे हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगते दिख रहे हैं। दुर्भाग्यवश भीख मांगने वाले बच्चों में 4 वर्ष से लेकर बड़ी आयु के बच्चे शामिल हैं। नंगे पांव बिलखते हुए ये बच्चे भीख देने की दुहाई देते हैं। बाजारों में एक चादर लिए कुछ बच्चे हर दुकान और हर लोगों के आगे हाथ फैलाते देखे जा सकते हैं। हैरानी की बात है कि हर शख्स ऐसा होता देख रहा है लेकिन भिक्षावृत्ति रुकती नहीं दिख रही।


कोई गिरोह तो नहीं?
जिला कुल्लू में अनेक ऐसे सामाजिक संगठन हैं जो सामाजिक ङ्क्षचता और ङ्क्षचतन की बात करते हैं। बच्चों को के लिए एनजीओ चलाने वाले सामाजिक संगठन भी इस पर कुछ कड़े कदम उठाने की बात करते हैं। सवाल बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ है। क्या भिक्षावृत्ति के पीछे कोई गिरोह काम कर रहा है इसकी भी जांच पड़ताल होनी चाहिए। लोगों का कहना है कि कुछ बच्चे दिन की शुरूआत में ही बाजारों में पहुंच जाते हैं और शाम होते ही अचानक गायब। लोगों का कहना है कि कई भिखारी की नजरें तो संदिग्ध लगती हैं। दशहरा सिर पर है ऐसे में देश-विदेश से आए पर्यटक यहां से क्या छाप लेकर जाएंगे, इस पर विचार और रणनीति अभी से तैयार करनी होगी।