7874 फुट की ऊंचाई पर इस मंदिर के अंदर पिंडी पर हर साल गिरती है बिजली (PICS)

punjabkesari.in Thursday, Sep 01, 2016 - 09:57 AM (IST)

कुल्लू: कुल्लू जिला में यूं तो अनेक स्थल हैं लेकिन बिजली महादेव एक ऐसा धार्मिक व रमणीय स्थल है, जोकि अपनी सुंदरता व विहंगम दृश्य से लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। यहां पर आज भी भगवान शिव मंदिर के पुजारी को हर साल स्वप्न देकर आदेश देते हैं। कुल्लू से करीब 20 किलोमीटर दूर 7874 फुट की ऊंचाई पर मथान स्थित बिजली महादेव मंदिर के अंदर पिंडी पर हर साल बिजली गिरती है, जिसके बाद पिंडी पर लगाया मक्खन का लेप खंडित हो जाता है।


हैरानी की बात यह है कि हर वर्ष गिरने वाली बिजली का कोई समय निर्धारित नहीं होता है। यह कभी भी किसी भी समय पिंडी पर गिरती है, जिसके बाद स्वयं भोलेनाथ मंदिर के पुजारी को स्वप्न देकर पिंडी के ऊपर लगे मक्खन के लेप के खंडित होने की बात बताते हैं। इसके बाद उसी रात या दिन को मंदिर के पुजारी व सहयोगी फिर से पिंडी को मक्खन का लेप करते हैं। आज तक आसमानी बिजली ने कभी किसी प्रकार की जनहानि नहीं की है। मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव युगों-युगों से तप योग समाधि द्वारा विराजमान हैं। सृष्टि की वृष्टि में इस स्थान को बिजली महादेव मंदिर को जालंधर असुर के वध से जोड़ा गया है व दूसरे नाम से इसे कुलांत पीठ भी कहा जाता है। 


जब भी पृथ्वी पर भारी संकट आन पड़ता है तो भगवान शिव जीवों के उद्धार के लिए संकट को बिजली के प्रारूप में पिंडी रूप में अपने ऊपर धारण करते हैं। मंदिर के पुजारी गगन शर्मा ने बताया कि यहां पर 3 माह जनवरी से लेकर मार्च तक मंदिर के कपाट बंद रहते हैं व शिवरात्रि के दिन मंदिर को खोला जाता है। पुजारी ने बताया कि मंदिर के बाहर लगभग 50 फुट की ऊंचाई पर पेड़ पर लगाए गए त्रिशूल से होकर बिजली पिंडी पर गिरती है, जिसके बाद पिंडी पर लगा मक्खन का लेप स्वयं ही खंडित हो जाता है। मंदिर में सावन मास के मेलों के दिन प्रदेश भर से श्रद्धालु बिजली महादेव में भगवान शिव की पावन पिंडी के दर्शन करते हैं।


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