मनकोटिया बोले, कश्मीर को दी आर्थिक सहायता से बन सकते थे 3 नए पर्यटक राज्य

Saturday, Sep 17, 2016 - 04:28 PM (IST)

पालमपुर (संजीव राणा): केंद्रीय विवि को लेकर प्रदेश में खींचतान लगी हुई है। कोई सी.यू. को धर्मशाला तो कोई देहरा ले जाने की बात कर रहा है। रूसा का विवाद और 90 फीसदी से अधिक विद्यार्थियों का फेल हो जाना शर्मनाक बात है। प्रदेश के हर कोने में पर्यटन की वृहद संभावनाएं हैं, कश्मीर को जन्नत बनाने के लिए आजादी के बाद से जितनी आर्थिक सहायता दी जा चुकी है उससे तो 3 नए पर्यटक प्रदेश गठित किए जा सकते थे। इसके बावजूद वहां पर पत्थरमारी से जूझना पड़ रहा है।


जानकारी के मुताबिक जी.जी.डी.एस.डी. कॉलेज राजपुर में देश में पर्यटन उद्योग की संभावनाओं और इसमें हिमाचल के सरोकार विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरु हुई।इंटरनैशनल चैंबर अॉफ सर्विस इंडस्ट्री के सहयोग से आयोजित किए जा रहे सेमीनार का उद्घाटन प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने किया। 2 दिनों में करीब 25 जानकार प्रदेश में पर्यटन को लेकर बात करेंगे। हिमाचल प्रदेश के साथ पंजाब, दिल्ली हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी पर्यटन से जुड़े लोग यहां पहुंचे हैं। 


प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने अपने सम्बोधन में कहा कि केंद्रीय विवि को लेकर प्रदेश में खींचतान लगी हुई है। 7 साल से यह मामला अधर में लटका हुआ है जोकि चिंता का सबब है। मनकोटिया ने कहा कि सी.यू. को शाहपुर में स्थापित करने की बात उठाई गई थी लेकिन उसको छीनने का प्रयास किया जा रहा है।


मनकोटिया ने कहा कि कश्मीर को जन्नत बनाने के लिए आजादी के बाद से जितनी आर्थिक सहायता दी जा चुकी है उससे तो 3 नए पर्यटक प्रदश गठित किए जा सकते थे। इसके बावजूद वहां पर पत्थरमारी से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विश्व का सबसे तेज गति से बढ़ रहा उद्योग है और इस क्षेत्र पर ध्यान देकर जहां रोजगार के अनेक अवसर पैदा किए जा सकते हैं वहीं प्रदेश की आर्थिकी में व्यापक सुधार लाया जा सकता है।