Watch Pics: यहां घर बसाना चाहते हैं विदेशी टूरिस्ट, जानिए क्यों?

punjabkesari.in Saturday, Sep 03, 2016 - 11:18 AM (IST)

धर्मशाला: हिमाचल के धर्मशाला से कुछ ही दूरी पर 2700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित त्रियूंड ट्रैक पर विदेशी टूरिस्टों का आजकल मेला लगा हुआ है। विदेशियों को त्रियूंड की वादियां काफी पसंद है, उनका बस चले तो वे इन वादियों में ही बस जाएं। बताया जा रहा है कि यह इलाका एक रशियन बाबा को इतना भा गया था कि वह इन वादियों में अवैध तौर पर 20 साल तक छुपा रहा था।


पढ़ें, रशियन बाबा का राज
जानकारी के मुताबिक भारत के ब्रिटिश वाइसराय लॉड एल्गिन को धर्मशाला की प्राकृतिक सुंदरता इंग्‍लैंड में स्थित उनके अपने घर स्कॉटलैंड के समान लगती थी। बर्फ से ढकी हुई पहाड़ों की चोटियां आंखों के सामने मनमोहक नजारा पेश करती हैं। हिमाचल का धर्मशाला ऐसा ही पर्यटन स्थल है जो पर्यटकों के दिलो दिमाग को ताजा कर देता है। धर्मशाला में 1959 में बौद्ध गुरू दलाई लामा अपने हजारों अनुयायियों के साथ तिब्बत से आकर बस गए थे। तिब्बत की राजधानी ल्हासा के तर्ज पर ही इस स्थान को मिनी ल्हासा कहा जाता है। 


क्या है रशियन बाबा का रहस्य
कहा जाता है कि साल 1994 रशियन मूल का व्यक्ति तिशिन दमित्री धर्मशाला की त्रियूंड की वादियों में घूमने आया। उसके पास टूरिस्ट विजा था जो 6 महीने के बाद समाप्त होने वाला था। तिशिन को त्रियूंड की वादियां रास आ गई, उसने पत्रों के बीच एक गुफा देखी और उसमें चोरी छिपे रहने लगा। वह जादू-टोने से लोगों का इलाज करता था। तिब्बती मूल के लोग उसके ज्यादा भक्त थे। तिब्बती उसे अपना गुरु मानने लगे थे। विदेशी इलाज करवाने पर बाबा को विदेशी मुद्रा देते थे। सितंबर 2014 में जब रशियन बाबा को पुलिस ने पकड़ा तो उसने कहा त्रियूंड के पास गाहर की कूहल वाली जगह मेरे मन में बस गई है। हालांकि बाद में कानूनी कार्रवाई के बाद बाबा को उनके देश भेजा गया।


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